West Bengal News: बंगाल संकट ने अगर किसी को सबसे ज्यादा परेशान किया है तो वे हैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में पश्चिम बंगाल के साथ बांग्लादेश की सबसे ज्यादा सीमा लगती है और कहा जा रहा है कि बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद वहां के हिंदू अल्पसंख्यक हिंदुस्तान में शरण ले सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो इसका सबसे ज्यादा असल पश्चिम बंगाल में देखने को मिल सकता है.
पश्चिम बंगाल बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा है कि बांग्लादेश के 1 करोड़ से ज्यादा हिंदू भारत में प्रवेश कर सकते हैं और दिल्ली को भारत में उन्हें सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) के तहत शरण देने को तैयार रहना चाहिए. बस यही सीएए अब ममता सरकार के लिए एक ऐसा निवाला बन गया है जिसे न वह निगल पा रही है और न उगल पा रही है.
सीएए का विरोध करने से बच रहीं ममता
पश्चिम बंगाल, जहां बड़ी संख्या में बांग्लादेशी हिंदू शरणार्थी रहते हैं, वहां बीजेपी के लिए सीएए एक बेहद मजबूत टूल हैं लेकिन ममता बनर्जी सीएए का बेहद कड़ाई से विरोध करती रही हैं लेकिन अब वह इसका विरोध करने से बच रही हैं.
हम केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन करेंगे
बांग्लादेश संकट पर ममता बनर्जी ने सभी राजनीतिक दलों से अपील करते हुए कहा कि वह सोशल मीडिया पर ऐसा कुछ भी पोस्ट न करें जिससे बंगाल की शांति भंग हो. उन्होंने आगे कहा कि वह बांग्लादेश के मुद्दे पर केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदम का समर्थन करेंगीं. ममता बनर्जी ने कहा, 'अगर हमारे भाई-बहन वहां किसी भी तरह की परेशानी झेल रहे हैं तो भारत सरकार और बांग्लादेश की सरकार को इसे देखना चाहिए.'
सोमवार को अधिकारी ने कहा था कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही वहां अल्पसंख्यक खतरे में आ गए हैं और यह साफ है कि वहां के 7 प्रतिशत हिंदू (करीब1 करोड़) देश छोड़ सकते हैं. उन्होंने कहा, 'हम मानसिक रूप से तैयार हैं. 1 करोड़ शरणार्थी आएंगे. हमें हमारे हिंदू भाईयों को शरण देनी होगी. केंद्र सरकार ने सीएए के तहत पहले ही इसकी तैयारी कर ली है.
ममता को सताया हिंदू वोट बैंक के छिटकने का डर
दरअसल ममता बनर्जी को डर है कि बीजेपी पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यों का कार्ड खेल सकती है. उन्हें चिंता है कि अगर कुछ भी गलता हुआ तो उनके हाथ से राज्य के हिंदुओं औऱ अल्पसंख्यकों का वोट छिटक सकता है. ममता सरकार मुसलमानों के प्रति भेदभावपूर्ण बताते हुए सीएए का विरोध किया है.