Uorfi Javed: सोशल मीडिया सनसनी और एक्ट्रेस उर्फी जावेद ने गुरुवार, 3 जुलाई, 2025 को करण जौहर का होस्ट किए गए रियलिटी शो 'द ट्रेटर्स' में शानदार जीत हासिल की है. हालांकि, उनकी इस उपलब्धि को शो के दूसरे कंटेस्टेंट हर्ष गुजराल और पूरव झा के फैंस से मिलीं बलात्कार की धमकियों और अपमानजनक संदेशों ने फीका कर दिया. उर्फी ने अपने इंस्टाग्राम पर इन डीएम के स्क्रीनशॉट साझा किए और साहस के साथ कहा कि कोई भी नफरत उन्हें रोक नहीं सकती. यह घटना न केवल उनकी जीत के उत्साह को कम करती है, बल्कि सोशल मीडिया पर बढ़ती साइबर धमकियों के गंभीर मुद्दे को भी उजागर करती है.
शुक्रवार को उर्फी ने अपने इंस्टाग्राम पर 'द ट्रेटर्स' जीतने के बाद प्राप्त हुए संदेशों के स्क्रीनशॉट साझा किए. इन संदेशों में उन्हें 'धोखेबाज', 'वेश्या', और 'र** साली' जैसे अपमानजनक शब्दों से संबोधित किया गया. कुछ संदेशों में बलात्कार और जान से मारने की धमकियां भी थीं. 27 साल की उर्फी ने इन संदेशों के जवाब में एक लंबा नोट लिखा, जिसमें उन्होंने समाज की दोहरी मानसिकता पर सवाल उठाए.
अपने सोशल मीडिया पर इन मैसेज का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, 'जब आपको कोई लड़की पसंद नहीं आती है, तो बस 'आर' शब्द छोड़ दें. पहली बार नहीं जब मुझे इस तरह से धमकाया या गाली दी गई है, लेकिन इस बार ऐसा मेरे कपड़ों की वजह से नहीं बल्कि इसलिए हुआ क्योंकि मैंने एक शो जीता है. कल्पना कीजिए कि आप इतने तुच्छ हैं कि जब आपका पसंदीदा खिलाड़ी नहीं जीतता है तो आप गाली-गलौज और धमकी देने लगते हैं.'
उन्होंने आगे कहा, 'ये मेरे द्वारा अपलोड किए गए सबसे अच्छे वीडियो हैं. मैं चाहे कुछ भी करूं, लोगों को बस नफरत और गाली देना पसंद है. हर्ष को न निकालती तो प्यार में अंधी, हर्ष को निकाल दिया तो धोखेबाज. पूरव को जीतने देती तो बेवकूफ, जीतने नहीं दिया तो धोखेबाज.' अपने नोट का समापन करते हुए, उर्फी ने दृढ़ता के साथ कहा, 'नफरत ने मुझे पहले कभी नहीं रोका, अब कभी नहीं रोकेगी.'
उर्फी की पोस्ट के तुरंत बाद, सह-प्रतियोगी पूरव झा ने उनकी स्टोरी को अपने इंस्टाग्राम पर साझा किया और इस व्यवहार की निंदा की. उन्होंने लिखा, 'यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है. किसी को कुछ भी बोलना ये गलत है यार...दोस्तों @urf7i को थोड़ा प्यार दिखाओ.' उन्होंने आगे कहा, 'आपका प्यार ही हमें खुशी और प्रेरणा देता है.' पूरव का यह समर्थन उर्फी के लिए एक सकारात्मक संदेश था, जिसने इस नकारात्मकता के बीच एक उम्मीद की किरण दिखाई