सेबी ने अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट ग्रुप और उसकी सहायक कंपनियों पर कड़ा एक्शन लिया है. गुरुवार, 3 जुलाई 2025 को जारी एक अंतरिम आदेश में सेबी ने जेन स्ट्रीट ग्रुप को भारतीय शेयर बाजार में प्रवेश करने से रोक दिया है और ₹4843.57 करोड़ की कथित अवैध कमाई को जब्त करने का निर्देश दिया है. इस कार्रवाई में जेन स्ट्रीट की चार सहायक कंपनियां JSI इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, JSI2 इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, जेन स्ट्रीट सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड, और जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग लिमिटेडभी शामिल हैं.
सेबी के अनुसार, जेन स्ट्रीट ग्रुप ने भारतीय शेयर बाजार में इंडेक्स डेरिवेटिव्स, खासकर बैंक निफ्टी ऑप्शंस, में हेरफेर करके भारी मुनाफा कमाया. जांच में पाया गया कि जेन स्ट्रीट ने 1 जनवरी 2023 से 31 मार्च 2025 के बीच इंडेक्स ऑप्शंस में ₹43,289 करोड़ का मुनाफा कमाया, जिसमें से 4,843.57 करोड़ को अवैध माना गया है. सेबी का कहना है कि फर्म ने समन्वित और रणनीतिक तरीके से एक्सपायरी डेज पर बैंक निफ्टी इंडेक्स को प्रभावित किया, जिससे बाजार में कृत्रिम उतार-चढ़ाव पैदा हुआ और रिटेल निवेशकों को नुकसान हुआ.
कैसे हुआ हेरफेर?
4,843.57 करोड़ रुपये होंगे जप्त
सेबी ने अपने आदेश में कहा कि यह कार्रवाई बाजार की अखंडता और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए जरूरी है. जेन स्ट्रीट को निर्देश दिया गया है कि वह 4,843.57 करोड़ की राशि को एक एस्क्रो खाते में जमा करे, जिस पर सेबी का नियंत्रण होगा. इसके अलावा फर्म के बैंक खातों से कोई भी डेबिट लेनदेन बिना सेबी की अनुमति के नहीं हो सकता. जेन स्ट्रीट को अपने मौजूदा डेरिवेटिव पोजीशंस को तीन महीने के भीतर या कॉन्ट्रैक्ट की समाप्ति तक जो भी पहले हो, बंद करना होगा.