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Bihar Politics 2025: बिहार चुनाव से पहले चिराग पासवान को लगा बड़ा झटका, 38 नेताओं ने एक साथ पार्टी से दिया इस्तीफा; जानें वजह

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को खगड़िया जिले में बड़ा झटका लगा है. 23 जुलाई को मनीष कुमार उर्फ नाटा सिंह को जिलाध्यक्ष बनाए जाने पर 38 नेताओं ने विरोध करते हुए सामूहिक इस्तीफा दे दिया, जिससे पार्टी में असंतोष फैल गया.

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Edited By: Princy Sharma
Bihar Assembly Elections 2025
Courtesy: Pinterest

Bihar Assembly Elections 2025: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को खगड़िया जिले से एक बड़ा झटका लगा है. 23 जुलाई को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी द्वारा मनीष कुमार उर्फ नाटा सिंह को खगड़िया जिलाध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद पार्टी में भूचाल आ गया है. इस नियुक्ति का विरोध करते हुए 38 नेताओं ने सामूहिक रूप से अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है, जिससे पार्टी के अंदर असंतोष की हवा साफ नजर आ रही है.

बलुआही में आयोजित एक बैठक के बाद सामूहिक इस्तीफा देने वाले नेताओं में पूर्व जिलाध्यक्ष शिवराज यादव, प्रदेश महासचिव रतन पासवान, युवा जिलाध्यक्ष सुजीत पासवान समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं. शिवराज यादव ने बताया कि इस इस्तीफे में सभी सात प्रखंड अध्यक्ष भी शामिल हैं और उन्होंने इस मामले में एक खुला पत्र भी जारी किया है. इस पत्र में नेताओं ने आरोप लगाया कि पार्टी के खगड़िया सांसद राजेश वर्मा के व्यवहार से सभी कार्यकर्ता आहत हैं और उनकी अमर्यादित भाषा के कारण यह सामूहिक इस्तीफा हुआ है.

सांसद राजेश वर्मा पर गंभीर आरोप

नेताओं ने सांसद राजेश वर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. शिवराज यादव ने कहा कि सांसद कार्यकर्ताओं का लगातार अपमान करते हैं और उनकी अमर्यादित भाषा के कारण ही यह कदम उठाया गया. प्रदेश महासचिव रतन पासवान ने कहा कि सांसद के इशारे पर पार्टी के तीन पुराने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी, जिनसे शो-कॉज नोटिस भी मांगे गए थे. इन आरोपों ने पार्टी के अंदर उथल-पुथल मचाई है, खासकर खगड़िया जैसे जिले में, जो लोजपा के संस्थापक स्वर्गीय रामविलास पासवान की जन्मभूमि है.

नव नियुक्त जिलाध्यक्ष पर भी उठे सवाल

इसके अलावा, नए जिलाध्यक्ष मनीष कुमार उर्फ नाटा सिंह की नियुक्ति पर भी सवाल उठाए गए हैं. नेताओं का कहना है कि यह नियुक्ति बिना किसी विचार-विमर्श के की गई और यह पूरी तरह से शीर्ष नेतृत्व की मर्जी पर आधारित था.

सांसद के प्रतिनिधि ने आरोपों को नकारा

वहीं, खगड़िया सांसद के मुख्य प्रतिनिधि डॉ. पवन जायसवाल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उनका कहना है कि मनीष कुमार को जिलाध्यक्ष बनाने का निर्णय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का था और यह सब एक स्वार्थी राजनीति का हिस्सा है. उन्होंने इसे अनर्गल बयानबाजी करार दिया और कहा कि पार्टी के भीतर ऐसे मुद्दों पर बहस नहीं होनी चाहिए.

आंतरिक विवादों से जूझ रही है लोजपा

यह घटनाक्रम चिराग पासवान की पार्टी के लिए चुनावी दृष्टिकोण से चिंता का विषय बन चुका है. बिहार चुनाव से पहले पार्टी के अंदर की यह उथल-पुथल और आंतरिक विवाद पार्टी के लिए एक नई चुनौती बनकर उभर रहा है. अब देखने वाली बात यह होगी कि चिराग पासवान इस स्थिति को कैसे संभालते हैं और पार्टी में सामंजस्य बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाते हैं.