दिलजीत दोसांझ और परिणीति चोपड़ा स्टारर फिल्म 'अमर सिंह चमकीला' रिलीज हो चुकी है. यह फिल्म पंजाबी गायक अमर सिंह चमकीला के जीवन पर आधारित है. 1988 में 27 साल की उम्र में चमकीला की हत्या कर दी गई थी. यह हत्याकांड पंजाब के मेहसामपुर में हुआ था जिसपर 2018 में मेहसामपुर नाम से एक फिल्म भी आई थी जिसे कबीर सिंह चौधरी ने डायरेक्ट किया था.
'चमकीला के हत्यारे से हुई है मेरी मुलाकात'
एक मीडिया चैनल से बातचीत में कबीर सीन ने अमर सिंह चमकीला की हत्या को लेकर बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि अमर सिंह की हत्या करने वाले एक खूनी से मैं बात कर चुका हूं और मुझे यह भी पता है कि उसने चमकीला की हत्या क्यों की.
'आज भी जिंदा है चमकीला का हत्यारा'
कबीर सिंह ने बताया कि मेहसामपुर फिल्म बनाने से पहले तथ्यों को जानने के लिए हमने अमर सिंह से जुड़े कई स्थानों का दौरा किया था. हमारी टीम मेहसामपुर भी गई थी जहां चमकीला, उनकी पत्नी अमरजोत और उनकी मंडली के दो साथियों की हत्या की गई थी. वहां हमारी मुलाकात चमकीला के एक हत्या से हुई थी जो आज भी जिंदा है.
कबीर सिंह ने कहा कि मैं इस मुद्दे पर ज्यादा नहीं बोलना चाहूंगा बस इतना ही बताना चाहूंगा कि उस समय पंजाब में माहौल बहुत खराब था. कानून का कोई खौफ नहीं था. नापाक मंसूबों को अंजाब देने के लिए किराए पर बंदूक लेना कोई बड़ी बात नहीं थी. उस समय आपसी दुश्मनी का निपटारा केवल हिंसा से ही होता था. लोग दूसरों की हत्या करवाने के लिए गुंडे पालकर रखते थे.
क्यों की गई चमकीला की हत्या
उन्होंने कहा कि चमकीला की हत्या के पीछे कई कारण थे जैसे उनके काम से घृणा करना, जातिगत भेदभाव. उनकी संगीत शैली से जलन और वगैरह-वगैरह जिनका अभी तक खुलासा नहीं हुआ है.
उन्होंने कहा कि समय बीतने और चमकीला की हत्या में कई लोगों के शामिल होने के कारण इस मर्डर मिस्ट्री को अभी तक सुलझाया नहीं जा सका. हो सकता है कि इस केस को अब तक अनसुलझा रखने के पीछे राजनीतिक और सामाजिक दबाव भी हो.
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