नई दिल्ली: अपनी रूहानी आवाज से लोगों का दिल चीरने वाले जगजीत सिंह को कौन नहीं जानता है. जगजीत सिंह की गजलों का हर कोई दीवाना है. इनकी आवाज आज भी कोई सुन लें तो वो मदहोश हो जाता है. जगजीत सिंह भले ही आज इस दुनिया में नहीं है लेकिन अगर वो आज जिंदा होते तो गायक अपना 83वां जन्मदिन सेलिब्रेट करते. जगजीत सिंह 8 फरवरी 1941 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में जन्में थे.
जगजीत सिंह की प्रोफेशनल लाइफ तो काफी बेहतरीन रही है लेकिन अगर उनकी पर्सनल लाइफ की बात करें तो इसमें इन्होंने काफी उतार-चढ़ाव देखे जिसको सुनते ही आपकी आंखों से आंसू आ जाएंगे. अपनी आवाज से लोगों को रुलाने वाले जगजीत सिंह की पर्सनल लाइफ काफी काटों भरी रही है.
जगजीत सिंह जब अपने करियर के लिए मुंबई की सड़कों पर इधर-उधर घूम रहे थे तब उन्हें 2 गाने ऑफर हुए, जिसमें पहला गाना 'साकिया होश कहां था' और दूसरा 'अपना गम भूल गए'. जब गाने की रिकॉर्डिंग पूरी हुई तब प्रोडक्शन के लोगों ने उनकी तस्वीर मांगी, उस समय जगजीत सिंह पगड़ी पहना करते थे. प्रोड्यूसर ने कहा कि इस फोटो से लोग उन्हें टिपिकल सिख समझ लेंगे. इस कारण जगजीत सिंह ने अपने बाल और दाढ़ी कटवा ली. इस कारण जगजीत सिंह के पिता उनसे गुस्सा हो गए और उनसे सारे रिश्ते खत्म कर लिए.
वहीं जब जगजीत सिंह अपने करियर के स्ट्रगल दौर पर थे तब उनका अक्सर ब्रिटानिया बिस्किट कंपनी के ऑफिसर देबू प्रसाद के पड़ोस में रहने वाले गुजराती परिवार के यहां आना जाना था. देबू प्रसाद अपनी पत्नी चित्रा और बेटी मोनिका के साथ रहते थे. चित्रा एक दिन अपने बालकनी में खड़ी थी और उन्होंने देखा कि कैसे एक लड़का सफेद शर्ट पहने बगल वाले घर में जा रहा है और उसके आते ही उनके घर से गाने की आवाज आने लगती थी. जब चित्रा से उनके पड़ोसी जगजीत की तारीफ करते थे तो वह गुस्सा जाती थी. चित्रा ने तो जगजीत संग गाना गाने से भी मना कर दिया था. इसके बाद जगजीत ने बोला कि मुझे आपकी जरूरत भी नहीं है चित्रा को इनका ये एटीट्यूड पसंद आया और दोनों की दोस्ती होने लगी.
वहीं देबू प्रसाद ने दूसरी लड़की से शादी कर ली थी जिसके बाद चित्रा से सबने दूरी बना ली थी लेकिन जगजीत ने उनसे अपनी दोस्ती निभाई और उन्हें शादी के लिए प्रपोज किया. हालांकि, चित्रा ने उनसे कहा मैं पहले से शादीशुदा हूं मेरा तलाक नहीं हुआ है तब उन्होंने कहा कि मैं इंतजार करूंगा. हालांकि, बाद में दोनों की शादी हो गई.
शादी के एक साल बाद ही चित्रा और जगजीत सिंह का एक बेटा हुआ जिसका नाम विवेक था. साल 1990 की बात है जब जगजीत सिंह और चित्रा एक महफिल का हिस्सा बने थे. वो महफ़िल खत्म होने वाली थी लेकिन, उसी महफिल में जैसे ही किसी ने जगजीत सिंह से आखिरी गाने की फरमाइश की, लेकिन वह काफी थक चुके थे उन्हें उन लोगों को मना करना उन्हें ठीक नहीं लगा. इनका गाना सुनते ही वहां के लोगों ने तालियां बजानी शुरू की. वहीं वहां शख्स आया और उसने जगजीत सिंह से कहा कि लंदन में कार एक्सीडेंट के दौरान आपके बेटे की मौत हो गई है ये सुनते ही उनके पैरों तले जमीन खिसक गई.
वहीं आपको बता दें कि महेश भट्ट ने अभी हाल ही में खुलासा किया था कि जगजीत सिंह को अपने बेटे के शव को पाने के लिए रिश्वत देनी पड़ी थी.
वहीं ऐसा कहा जाता है कि बेटे की मौत के बाद चित्रा और जगजीत सिंह दोनों ने ही गायकी से सारे रिश्ते खत्म कर लिए. हालांकि, जगजीत सिंह ने तो एक साल बाद लता मंगेशकर के साथ वापसी कर ली लेकिन चित्रा सिंह ने कभी दोबारा मुड़कर गायकी को नहीं देखा.
बताया जाता है कि बेटे की मौत से जगजीत सिंह और उनकी पत्नी चित्रा इतने परेशान थे कि इन्होंने भी एक दूसरे से रिश्ता खत्म कर लिया. बताया जाता है कि चिट्ठी न कोई संदेश गाना जगजीत सिंह ने अपने बेटे के लिए ही गाया था.