Javed Akhtar: मशहूर गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने हाल ही में बॉलीवुड की चुप्पी पर गहरी टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा कि सत्ता के खिलाफ आवाज न उठाने के पीछे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर छापों का डर है. कपिल सिब्बल के यूट्यूब चैनल पर बातचीत में जावेद ने इस डर की तुलना हॉलीवुड से करते हुए बॉलीवुड सितारों की खामोशी के कारणों को उजागर किया.
जावेद अख्तर ने बताया कि बॉलीवुड के बड़े सितारे और फिल्म मेकर सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर बोलने से इसलिए कतराते हैं, क्योंकि उन्हें जांच एजेंसियों की कार्रवाई का डर सताता है. उन्होंने हॉलीवुड एक्ट्रेस मेरिल स्ट्रीप का उदाहरण दिया, जिन्होंने 2017 के गोल्डन ग्लोब्स में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की आलोचना की थी.
जावेद ने कहा, 'मेरिल स्ट्रीप ने बयान दिया, लेकिन उन पर कोई आयकर छापा नहीं पड़ा. भारत में यह धारणा है कि अगर आप बोलेंगे, तो ईडी, सीबीआई या आयकर विभाग आपकी फाइलें खोल सकता है. यह डर, चाहे वास्तविक हो या नहीं, लोगों के दिलों में बैठा है.'
उन्होंने स्पष्ट किया कि वह इस डर को समझते हैं और सितारों को उनकी चुप्पी के लिए दोष नहीं देते. 'मैं उन चंद लोगों में से हूं जो बोलते हैं, लेकिन मैं समझता हूं कि दूसरे क्यों चुप रहते हैं,'
जावेद ने जोर देकर कहा कि यह डर केवल फिल्म इंडस्ट्री तक सीमित नहीं है. उन्होंने कहा, 'ये लोग भले ही फिल्म इंडस्ट्री में हों, लेकिन वे उसी समाज का हिस्सा हैं. वे आम लोगों की तरह ही काम करते हैं, बस उनके पेशे में ज्यादा चमक-दमक है.' उनके मुताबिक, असहमति की कमी इंडस्ट्री के अंदर से नहीं, बल्कि बाहर के सामाजिक और राजनीतिक माहौल से आती है.
जावेद अख्तर अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं. वह न केवल सरकार की आलोचना करते हैं, बल्कि सोशल मीडिया पर ट्रोल्स को भी करारा जवाब देते हैं. इस साल की शुरुआत में उन्होंने पीटीआई को बताया, 'मेरे दोस्त कहते हैं, 'इन चीजों में क्यों पड़ते हो?' लेकिन कभी-कभी आपको नीचे उतरकर जवाब देना पड़ता है कि 'नहीं, तुम यह आजादी नहीं ले सकते.' उनकी यह निडरता उन्हें इंडस्ट्री में अलग बनाती है.