menu-icon
India Daily
share--v1

अरविंद केजरीवाल की जमानत से बदलेगी चुनावी हवा! क्या दिल्ली में साफ हो जाएगी BJP?

SC grants Bail to Arvind Kejriwal: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज किए गए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 1 जून तक अंतरिम जमानत दे दी, पर सवाल ये है कि क्या इससे आखिरी के 4 चरणों के मतदान पर असर पड़ेगा.

auth-image
Vineet Kumar
Arvind Kejriwal

SC grants Bail to Arvind Kejriwal: सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने का फैसला सुनाया है. हालांकि, सर्वोच्च अदालत ने केजरीवाल की ओर से 4 जून को परिणाम घोषित होने तक जमानत के अनुरोध को खारिज कर दिया. कोर्ट ने AAP प्रमुख को 2 जून को आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है.

केजरीवाल को अब समाप्त हो चुकी दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था. करीब 50 दिन तक जेल में रहने वाले केजरीवाल की गैरमौजूदगी में लोकसभा चुनाव के पहले 3 चरण के मतदान पूरे हो चुके हैं और अब सिर्फ 4 चरणों का ही आम चुनाव बचा है.

ऐसे में सवाल यह है कि क्या अरविंद केजरीवाल की वापसी से सत्ताधारी एनडीए गठबंधन को कोई चुनौती मिलने वाली है या फिर जैसा बीजेपी लगातार दावा कर रही है कि वो इस बार 400 पार जा रही है वो सच साबित हो पाएगा. आइए एक नजर केजरीवाल के जेल जाने से जमानत मिलने तक के सियासी घटनाक्रम पर डालते हैं और इस सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश करते हैं.

पहले 3 चरण के मतदान में आप का कितना प्रभाव

ये सच है कि लोकसभा चुनाव के पहले 3 चरण के मतदान पूरे हो चुके हैं और करीब 286 सीटों पर वोटिंग पूरी हो चुकी है लेकिन ये भी सच है कि इससे आम आदमी पार्टी को कोई नुकसान नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि इन 286 सीटों में ज्यादातर दक्षिण और उत्तर पश्चिम के राज्य की सीटें थी. जिन हिंदी भाषी क्षेत्रों की सीटों पर मतदान हुए भी हैं उसमें उत्तराखंड और गोवा को छोड़कर आम आदमी पार्टी का खासा प्रभाव नहीं रहा है.

इंडिया गठबंधन का हिस्सा होने के चलते कई जगहों पर आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवार भी खड़े नहीं किए थे जिसका फायदा उसके साथी विपक्षी पार्टियों को मिला. हालांकि अब बचे हुए चरणों में उन्हीं राज्यों में वोटिंग है जहां आम आदमी पार्टी का खासा प्रभाव है और अरविंद केजरीवाल की वापसी से पार्टी के प्रचार रणनीति में नई जान पड़ जाएगी.

हरियाणा, दिल्ली और पंजाब में असर डालेगी केजरीवाल की वापसी

अगले 4 चरणों के मतदान में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात में वोटिंग होगी जहां पर लोकसभा में भले ही आम आदमी पार्टी का बड़ा हिस्सा नजर न आता हो लेकिन विधानसभा स्तर पर उसका अच्छा खासा प्रभाव है. ऐसे में अरविंद केजरीवाल की वापसी न सिर्फ पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाएगी बल्कि जेल में बिताए उनके दिनों की कहानी भावनात्मक रूप से भी वोटर्स को प्रभावित करेगी. ऐसे में कोई शक नहीं है कि केजरीवाल की वापसी से इन 3 राज्यों में सियासी समीकरण बदलेगा और बीजेपी के 400 पार के सपने को बिगाड़ने का काम करेगा.

सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रचार में पाबंदी नहीं लगाने का भी पड़ेगा फर्क

सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत दी और जब उनके वकील से बात की गई तो उन्होंने साफ किया कि उन पर प्रचार के दौरान बोलते हुए किसी भी प्रकार की पाबंदी नहीं लगाई है. केजरीवाल की राजनीति पर नजर डालें तो उनका पूरा करियर आरोप लगाने और बाद में उसे साबित न करने से भरा हुआ है. फिर चाहे वो दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित हों, दिल्ली जल बोर्ड घोटाले की बात हो या फिर अन्य कोई घोटाला, केजरीवाल अपने भाषणों में बेखौफ तरीके से घोटालों का दावा तो करते हैं लेकिन कभी भी उसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई या कानूनी तरीका अपनाते नजर नहीं आए हैं.

भले ही बीजेपी के समर्थक बार-बार इस बात को दोहराते हुए आप को झूठा साबित करने की कोशिश करते हैं पर ये भी सच है कि आम आदमी पार्टी के लिए ये कार्ड बार-बार काम करता है और  वो लोगों के इमोशनल कनेक्ट को वोट में बदलने में कामयाब होते हैं. ऐसे में जब सुप्रीम कोर्ट की ओर से उन पर प्रचार के दौरान किसी भी तरह की पाबंदी नहीं लगाई गई है तो वो सोचिए कि वो इसका किस तरह से फायदा उठाएंगे. हालांकि ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है क्योंकि केजरीवाल जल्द ही आपको ये चुनावी मैदान में करते हुए नजर आएंगे.

केजरीवाल की वापसी से विपक्ष के हौसले भी हुए बुलंद

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए साफ किया कि वह आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार तक बाहर रहेंगे लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में कोई भी आधिकारिक कर्तव्य निभाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. केजरीवाल भले ही सीएम की जिम्मेदारी न निभा सकें लेकिन एक राजनेता के रूप में पूरा नजर आएंगे. उनकी वापसी ने इंडिया गठबंधन के साथियों में भी नई जान भर दी है जो कि बचे हुए चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल का भरपूर इस्तेमाल करते हुए नजर आएंगे.

जहां केजरीवाल की वापसी को दिल्ली के मंत्री और आप नेता गोपाल राय ने उन सभी लोगों को आशा की किरण बताया है जो संविधान में विश्वास करते हैं तो वहीं पर उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने जमानत का स्वागत करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा है.

आदित्य ठाकरे ने कहा,'अरविंद केजरीवाल जी को देश में तानाशाही शासन के खिलाफ न्याय और राहत मिलना परिवर्तन की बयार का एक बड़ा संकेत है. वह सच बोलते रहे हैं और यही बात भाजपा को नापसंद है. उनकी वापसी से इंडिया गठबंधन ज्यादा मजबूत हो गया है, हम हमारे संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए ऐसे ही लड़ते रहेंगे.'

क्या दिल्ली में साफ हो जाएगी बीजेपी

इसमें कोई दो राय नही कि आने वाले समय में लोगों को झारखंड में आयोजित हुई उलगुलान रैली जैसी ही कोई दूसरी रैली भी नजर आए जिसमें विपक्षी गठबंधन के नेताओं समेत केजरीवाल भी मंच साझा करें, हालांकि इस पर अभी तक कोई आधिकारिक चर्चा होने की खबर नहीं आई है. 

दिल्ली में भले ही पिछले दो बार के लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी एक भी सीट पर जीत न हासिल कर पाई हो लेकिन इस बार उसने अपनी रणनीति बदल दी है. कांग्रेस के साथ गठबंधन कर मैदान में उतरने वाली आप के 4 सांसद बीजेपी को सीधी टक्कर देंगे तो वहीं पर 3 पर आप के समर्थक कांग्रेस उम्मीदवारों को वोट देंगे. ऐसे में नतीजे कुछ भी हों लेकिन दिल्ली के चुनावी दंगल में रोमांच भरपूर नजर आने वाला है.