NDA Election Strategy: संसद का मानसून सत्र खत्म होने के बाद भाजपा और उसके सहयोगी दल बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में पूरी तरह जुटने वाले हैं. एनडीए की ओर से विधानसभा स्तर पर सम्मेलन शुरू किए जाएंगे. इसकी शुरुआत 23 अगस्त से होगी. पहला चरण 15 दिनों तक चलेगा और इसमें उन सीटों पर सम्मेलन होंगे जहां पिछली बार एनडीए ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद दूसरे चरण में उन सीटों पर ध्यान दिया जाएगा जहां एनडीए उम्मीदवार बहुत कम अंतर से हार गए थे.
बीजेपी नेताओं ने बताया कि इस अभियान के लिए पांच टीमें बनाई गई हैं. हर टीम में चार-चार नेता होंगे. इनका काम विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में जाकर सम्मेलन करना और छोटी-छोटी सभाएं आयोजित करना होगा. पहले फेज के खत्म होते ही दूसरा फेज शुरू कर दिया जाएगा, जिसमें 52 विधानसभा सीटें शामिल की जाएंगी. ये वे सीटें होंगी जहां एनडीए बहुत कम वोटों से हारा था.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बार एलजेपी यानी रामविलास भी एनडीए का हिस्सा है, जिससे गठबंधन को मजबूत माना जा रहा है. इन सम्मेलनों में सरकार की उपलब्धियों पर जोर दिया जाएगा. जनता को यह बताया जाएगा कि बिहार सरकार ने किस तरह विकास कार्य किए हैं.
बीजेपी का मकसद विपक्ष के आरोपों का जवाब देना भी है. विपक्ष लगातार स्पेशल इंटेंसिव रिविजन को लेकर सरकार और चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहा है. एनडीए नेताओं का कहना है कि इन सम्मेलनों में राहुल गांधी और लालू प्रसाद यादव जैसे विपक्षी नेताओं के बयानों की पोल खोली जाएगी.
बीजेपी नेताओं ने साफ किया कि यह अभियान चरणबद्ध तरीके से पूरे बिहार में चलाया जाएगा. पहला चरण एनडीए की मजबूत सीटों पर और दूसरा चरण हार वाली सीटों पर केंद्रित होगा. इसके बाद बाकी सीटों पर भी रणनीति के तहत कार्यक्रम होंगे. इस तरह एनडीए का पूरा जोर बिहार चुनाव में अपनी पकड़ मजबूत करने और विपक्ष को घेरने पर रहेगा.