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चुनावी सीजन में नेताओं की पसंद वाले वाहनों की रिकार्ड बिक्री, तीन महीने 17000 SUV कार बिकीं

Lok Sabha Election 2024: 2024 चुनावी साल है और लोकसभा चुनाव के पहले जनवरी से मार्च के उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड एसयूपी कारें बिकीं. पिछले 3 महीनों में 17 हजार एसयूवी कार सियासी दखल रखने वालों ने खरीदी है. 30 फीसदी से ज्यादा की बिक्री पिछले साल जनवरी से मार्च की तुलना में हुई.

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Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए धनतेरस साबित हो रहा है. चुनावी मौसम में लग्जरी कार की बिक्री ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. चुनावी मौसम में नेताओं के पसंद की खास सेगमेंट की कारों की बिक्री बढ़ गई है. पिछले तीन महीने में एसयूवी गाड़ियां सबसे ज्यादा बिकी हैं. अकेले उत्तर प्रदेश में जनवरी से मार्च के बीच एसयूवी सेगमेंट की तीन बड़ी कंपनियों ने कुल 42,406 वाहन बेचे हैं. इसमें नेताओं के पसंदीदा वाहनों की हिस्सेदारी 40 फीसदी से ज्यादा है.

इन तीन महीनों में करीब 17 हजार गाड़ियां राजनीति में दखल रखने वाली शख्सियतों ने खरीदी हैं. सियासी दुनिया में एसयूवी वाहनों का अलग ही रुतबा है. अगर पिछले साल के जनवरी से मार्च के बीच के आंकड़ों को देखें तो 2024 में इसमें 30 फीसदी की वृद्धि हुई है. एसयूवी कार की पार्षद, ग्राम प्रधान से लेकर सांसद और मंत्री तक के बीच धाक है.

2024 का साल देश में आम चुनाव का साल है, ऐसे इस साल माननीय बनने की तैयारी और चुनाव में जलवा जमाने के लिए नेता जी एसयूवी कार खरीद रहे हैं. पिछले दो वर्षों की तुलना में इस वर्ष जनवरी से मार्च के बीच सेवन सीटर एसयूवी वाहन खूब बिके हैं. दिलचस्प बात है कि चुनावी सीजन में ट्रैक्टरों और ई-रिक्शा की भी बिक्री में उछाल आया है. दो साल में ई-रिक्शा की बिक्री दोगुनी से ज्यादा हो गई है. वहीं ट्रैक्टर की बिक्री में भी 50 फीसदी का इजाफा हुआ है.


विशेष फंडिंग से ई-रिक्शे खूब बिके

ई-रिक्शा असेम्बल करने वाली दों कंपनियों के निदेशकों ने बताया कि उन्होंने जनवरी से मार्च के बीच शहर से लगी बस्तियों, ग्रामीण इलाकों और तहसीलों में करीब 8000 ई रिक्शा भेजे हैं. इन ई- रिक्शे को निजी फाइनेंस कंपनियों से लोन लेकर पास कराए गया है. एडवांस के तौर पर 10 से 15 फीसदी तक की धनराशि ई-रिक्शा मालिकों ने नहीं दी है, बल्कि किसी और ने ‘फंडिंग’ की है.

नेताओं में सबसे ज्यादा लोकप्रिय एसयूवी ब्रांड 2022 की जनवरी-मार्च की तुलना में इस वर्ष के शुरुआती तीन महीने में करीब दोगुना बिक गया. इसी तरह अप्रत्याशित उछाल एक अन्य बड़े ब्रांड में आया है. इस ब्रांड ने पिछले दो साल में एसयूवी सेगमेंट में सभी के छक्के छुड़ा दिए हैं. चुनावी सीजन में भी इसका असर दिखा और केवल तीन महीने में 25 हजार से ज्यादा वाहन बेच दिए. वहीं एक अन्य मेक इन इंडिया ब्रांड ने भी 50 फीसदी ग्रोथ हासिल करते हुए 12 हजार से अधिक वाहन केवल तीन महीने में बेचे.
 

जनवरी से मार्च तक कितनी कारों की बिक्री हुई 

Lok Sabha Election 2024