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'राम' को जिताने उतरीं 'सीता', 'लक्ष्मण' ने भी मांगे वोट, मेरठ में अरुण गोविल के लिए कितनी बड़ी है चुनौती?

Meerut Lok Sabha Seat: उत्तर प्रदेश के मेरठ लोकसभा सीट पर भाजपा के प्रत्याशी अरुण गोविल के समर्थन में दीपिका चिखलिया और सुनील लहरी ने वोट अपील की. दीपिका और सुनील लहरी ने मेरठ की जनता से 'टीवी के राम' अरुण गोविल को एकतरफा जीत दिलाने की अपील की. आइए, समझते हैं कि अरुण गोविल के लिए मेरठ में चुनौती कितनी बड़ी है.

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 Meerut Lok Sabha Seat: मेरठ लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी अरुण गोविल इन दिनों धुआंधार चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं. टीवी के लोकप्रिय शो 'रामायण' में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी और माता सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका चिखलिया सोमवार को मेरठ में थीं. उन्होंने रामायण सीरियल में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल के समर्थन में वोट की अपील की. एक रोड शो के जरिए 'भगवान राम', 'माता सीता' और 'लक्ष्मण' शहर के अलग-अलग इलाकों में पहुंचे, जहां फूल बरसाकर उनका स्वागत किया गया.

रोड शो के दौरान जय श्रीराम के नारे लगते रहे. इसके अलावा, अरुण गोविल के समर्थक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिंदाबाद के भी नारे लगाए. दीपिका ने रोड शो के बाद बताया कि वे 'राम' के लिए वोट मांगने यहां आईं हैं. उन्होंने अपील की कि अरुण गोविल को एक तरफा जीत दिलानी चाहिए. दीपिका चिखलिया भी भाजपा की सांसद रह चुकी हैं. वोट अपील के दौरान उन्होंने कहा कि सभी लोगों के कष्टों का निवारण भगवान राम ही करेंगे.

दीपिका ने कहा कि एक बार फिर केंद्र में सत्ता के सिंहासन पर भाजपा को बैठाना है. उधर, रोड शो में शामिल भगवान लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने दावा किया कि भाजपा प्रचंड बहुमत से जीत रही है. मेरठ की जनता भी पूरे मन से मेरे बड़े भाई को जिताने में जुटे हैं.

आइए, समझते हैं कि आखिर मेरठ में अरुण गोविल के लिए चुनौती कितनी बड़ी है?

भाजपा ने मेरठ सीट से वर्तमान सांसद को चुनावी मैदान में न उतारकर 'रामायण' सीरियल के 'भगवान राम' यानी अरुण गोविल को अपना प्रत्याशी बना दिया. प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से अरुण गोविल और उनकी टीम हिंदुत्व की लहर के बीच सामाजिक, जातीय समीकरण पर रणनीति तैयार कर वोट अपील कर रही है. 

अरुण गोविल का मुकाबला समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी सुनीता वर्मा से है. सुनीता से पहले समाजवादी पार्टी इस सीट से दो उम्मीदवारों को बदल चुकी है. ऐसा इसलिए क्योंकि सपा को लग रहा है कि अरुण गोविल के सामने पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों के वोट को समेटकर जीत दर्ज की जा सकती है. 

जातीय समीकरण की बात की जाए तो मेरठ में मुस्लिम और दलित वोटर्स की संख्या करीब 9.5 लाख है. इनके अलावा, यहां त्यागी समाज के वोटर्स की भी संख्या अच्छी-खासी है. इस समीकरण को देखते हुए बसपा ने यहां से देव व्रत त्यागी को मैदान में उतारा है.

समाजवादी पार्टी की सुनीता वर्मा और देव व्रत त्यागी से चुनावी टक्कर लेने के लिए भाजपा ने मेरठ में जन्में और इंटर तक की पढ़ाई करने वाले अरुण गोविल को मैदान में उतार दिया. वो भी ऐसे में जब मेरठ सीट से भाजपा के वर्तमान सांसद राजेंद्र अग्रवाल यहां से तीन बार जीत दर्ज कर चुके हैं. ऐसे में राजनीतिक जानकारों की मानें तो भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल के सामने बड़ी चुनौती दिख रही है.