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'महंगाई, गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी,' तेजस्वी यादव की नजर में क्या हैं बिहार के वे मुद्दे जिन पर हावी हो रहे मोदी?

तेजस्वी यादव अपनी जनसभाओं में गरीबी और बेरोजगारी का मुद्दा जोर-शोर से उठा रहे हैं. तेजस्वी दावा कर रहे हैं कि महज 17 महीनों की सरकार में उन्होंने 5 लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियां दीं. बिहार के चुनाव में क्या-क्या मुद्दे हावी हैं, आइए जानते हैं.

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India Daily Live
RJD Leader Tejashwi Yadav.
Courtesy: सोशल मीडिया.

बिहार की सियासत में मछली और सीजनल सनातनी के मुद्दे अब दो दिन पुराने हो गए हैं. तेजस्वी यादव अब आक्रामक होकर नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर हैं. अब वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) की डबल इंजन सरकार के प्रदर्शन पर सवाल खड़े कर रहे हैं. तेजस्वी यादव दावा कर रहे हैं कि जब तक वे नीतीश कुमार सरकार का हिस्सा थे, तब तक बिहार में नौकरियों की बहार थी. 

तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि महज 17 महीनों में उन्होंने 5 लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियां दी हैं. उनका दावा है कि अभी लाखों नौकरियां प्रक्रियाधीन हैं. तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सरकार में पेपर लीक होता है, उनकी सरकार में पेपर लीक भी नहीं होने पाया और लाखों लोगों को रोजगार मिला. 

तेजस्वी यादव अपनी जनसभाओं में मोदी सरकार पर जमकर बरस रहे हैं. वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी पर सवाल खड़े कर रहे हैं. उनका कहना है कि हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है. वे अपनी चुनावी सभाओं में देश के उन मुद्दों का जिक्र कर रहे हैं, जिन पर मोदी हावी हो रहे हैं.

किन मुद्दों पर हावी हो रहे हैं मोदी?
तेजस्वी यादव अपनी जनसभाओं में कह रहे हैं कि बीजेपी का लक्ष्य मोदी को हावी करना है, मुद्दों को नहीं. मोदी मुद्दों पर हावी हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव में मोदी का जिक्र नहीं, मुद्दे का होना चाहिए. तेजस्वी यादव ने कहा है कि महंगाई, गरीबी भुखमरी और बेरोजगारी ही देश का सबसे बड़ा दुश्मन है. चुनावों में मोदी मुद्दा बन गए हैं, ऐसे में मोदी नहीं मुद्दे की बात होनी चाहिए. तेजस्वी यादव अपनी जनसभाओं में मोदी सरकार पर जमकर बरस रहे हैं. वे भारतीय जनता पार्टी पर बिहार के सामाजिक ढांचे को तोड़ने के भी आरोप लगा रहे हैं.

जातिगत जनगणना पर भी है तेजस्वी का जोर
तेजस्वी यादव का जोर जातिगत जनगणना पर है. वे बार-बार वादा कर रहे हैं कि अगर उनके गठबंधन की सरकार बनी तो वे जातिगत जनगणना कराएंगे. उन्होंने कहा कि हमारी महज 17 महीने की सरकार ने जातिगत जनगणना करा दी. तालिमी मरकज, शिक्षा सेवक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सैली बढ़ा दी.  4 लाख नियोजित शिक्षकों को भी राज्य कर्मी का दर्जा दिया गया.

तेजस्वी की जनसभाओं में उठ रहा धार्मिक उन्माद का मुद्दा
तेजस्वी दावा कर रहे हैं बीजेपी सामाजिक ढांचे को तोड़ रही है. वे लगातार कह रहे हैं कि बीजेपी लोगों को धर्म के नाम पर उलझा रही है, रामनवी पर कोई तलवार बांटेगा लेकिन गठबंधन कलम बांटेगा. तेजस्वी यादव जातिवाद के खिलाफ भी बरस रहे हैं. वे अपनी जनसभाओं में कह रहे हैं कि अगड़े पिछड़े में कोई भेद न हो. सब मिलजुलकर काम करें, सबका सम्मान होना चाहिए. 

चाचा के पलटने पर भी तंज कस रहे तेजस्वी 
नीतीश कुमार को तेजस्वी यादव चाचा कहते हैं. वे जनसभाओं में चाचा के पलटने पर भी तंज कस रहे हैं. वे जो योजनाएं नहीं पूरी हो पाईं, उसका ठीकरा नीतीश कुमार पर फोड़ रहे हैं. उन्होंने गुरुवार को एक जनसभा में कहा भी कि हम लोग चाहते थे कि बेघर लोगों को पक्के मकान के लिए 1 लाख रुपये की मदद देंगे लेकिन चाचा पलट गए. चाचा कह रहे थे कि मर जाएंगे एनडीए में नहीं जाएंगे लेकिन वे पलट गए. बीजेपी में दम है तो चाचा की गारंटी लेकर दिखा दें.