menu-icon
India Daily

18 सरकारी स्कूलों में 12वीं की बोर्ड परीक्षा में एक भी छात्र पास नहीं, हरियाणा के नाम हुआ शर्मनाक रिकॉर्ड

हरियाणा कक्षा 12वीं के नतीजे 2025 देखने के लिए उम्मीदवारों को अपना रोल नंबर और अन्य प्रासंगिक विवरण देना होगा. इन सबके बीच 18 सरकारी स्कूलों  ने शर्मनाक रिकॉर्ड को अपने नाम किया है. हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (एचबीएसई) द्वारा कक्षा 12वीं के बोर्ड परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद अब ध्यान सरकारी और निजी स्कूलों की ओर चला गया है. यहां उत्तीर्णता प्रतिशत चिंताजनक रूप से कम रहा है.

auth-image
Edited By: Reepu Kumari
Not a single student passed the 12th board exam in 18 government schools, Haryana has a shameful rec
Courtesy: Pinterest

13 मई को  हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (HBSE), भिवानी ने 2025 के लिए हरियाणा कक्षा 12वीं के नतीजे जारी कर दिए हैं. उम्मीदवार bseh.org.in पर HBSE हरियाणा बोर्ड 12वीं के नतीजे पढ़ और डाउनलोड कर सकते हैं. हरियाणा कक्षा 12वीं के नतीजे 2025 देखने के लिए उम्मीदवारों को अपना रोल नंबर और अन्य प्रासंगिक विवरण देना होगा. इन सबके बीच 18 सरकारी स्कूलों  ने शर्मनाक रिकॉर्ड को अपने नाम किया है.

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (एचबीएसई) द्वारा कक्षा 12वीं के बोर्ड परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद अब ध्यान सरकारी और निजी स्कूलों की ओर चला गया है. यहां उत्तीर्णता प्रतिशत चिंताजनक रूप से कम रहा है.

खराब प्रदर्शन वाले स्कूलों का लिस्ट 

बोर्ड ने खराब प्रदर्शन करने वाले 100 स्कूलों की सूची तैयार की. इसमें 18 स्कूल ऐसे थे, जिनका पास प्रतिशत शून्य रहा. बोर्ड ने इसे आवश्यक कार्रवाई के लिए शिक्षा निदेशालय को सौंप दिया. एचबीएसई के चेयरमैन डॉ. पवन कुमार के अनुसार, इस साल कक्षा 12 के लिए कुल पास प्रतिशत 85.66% रहा, लेकिन जिलेवार विश्लेषण से चौंकाने वाली असमानताएं सामने आईं.

ये आंकड़ा भी नहीं कर पाए पार 

कई स्कूल 35% उत्तीर्णता का आंकड़ा भी पार करने में असफल रहे, तथा 18 संस्थानों को परीक्षा में कोई सफलता नहीं मिली. डॉ. कुमार ने कहा, 'एक स्कूल में 13 छात्र थे, और एक भी छात्र पास नहीं हुआ.' उन्होंने आगे कहा कि इनमें से ज़्यादातर शून्य-परिणाम वाले स्कूलों में, परीक्षार्थियों की संख्या 1 से 2 के बीच थी, और परिणाम निराशाजनक थे. बोर्ड ने निदेशालय से इन खराब प्रदर्शन करने वाले संस्थानों के शिक्षकों के खिलाफ़ संभावित अनुशासनात्मक कार्रवाई सहित उचित उपाय करने का आग्रह किया. रिपोर्ट की एक प्रति शिक्षा मंत्रालय को भी भेजी गई, जिससे मामले की गंभीरता का पता चलता है.

एचबीएसई के चेयरमैन ने सिफारिश की कि इन खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों के शिक्षकों को अनिवार्य अभिविन्यास और प्रशिक्षण सत्र से गुजरना चाहिए. उन्होंने विफलता के अंतर्निहित कारणों की पहचान करने के लिए छात्रों और उनके अभिभावकों के साथ सीधे जुड़ने के महत्व पर भी जोर दिया. डॉ. कुमार ने कहा, "ऐसे खराब प्रदर्शन की जड़ को समझना जरूरी है. शिक्षकों को न केवल शिक्षण पद्धतियों में सुधार करना चाहिए, बल्कि छात्रों और उनकी चुनौतियों से भी फिर से जुड़ना चाहिए."