भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को गिरावट का सिलसिला जारी रहा, जिसमें बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में 0.8% की कमी दर्ज की गई. बीएसई सेंसेक्स 689.81 अंक या 0.83% की गिरावट के साथ 82,500.47 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 205.40 अंक या 0.81% नीचे 25,149.85 पर आ गया.
आइए जानते हैं बाजार में इस गिरावट के प्रमुख कारण:
टीसीएस के तिमाही नतीजों से आईटी शेयरों पर दबाव
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के शेयरों में 2.5% से अधिक की गिरावट देखी गई, जब कंपनी ने Q1FY25 के नतीजे जारी किए. हालांकि शुद्ध लाभ 6% बढ़कर 12,760 करोड़ रुपये रहा, लेकिन मैक्रो चुनौतियों और बीएसएनएल सौदे में कमी के कारण स्थिर मुद्रा आधार पर राजस्व में करीब 3% की कमी आई. निफ्टी आईटी इंडेक्स में 1.5% तक की गिरावट दर्ज हुई, जिसमें सभी 10 घटक लाल निशान में रहे.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, “टीसीएस के Q1 नतीजे आईटी कंपनियों, खासकर लार्ज-कैप आईटी, के लिए चुनौतियों को दर्शाते हैं. हालांकि, मिडकैप आईटी का प्रदर्शन बेहतर रहने की संभावना है.”बैंकिंग और बाजार विशेषज्ञ अजय बग्गा ने कहा, “आईटी सेक्टर का कमजोर प्रदर्शन और अब तक के नतीजों व गाइडेंस ने निराश किया है, जिससे यह सेक्टर दबाव में रहेगा.”
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर अनिश्चितता
भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता ने निवेशकों का मनोबल कमजोर किया. भारतीय वाणिज्य मंत्रालय की एक टीम जल्द ही वाशिंगटन में कृषि और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में मतभेद सुलझाने के लिए बातचीत करेगी. अमेरिका ने भारत पर 26% अतिरिक्त आयात शुल्क को 1 अगस्त तक बढ़ा दिया है, जिसे हटाने की मांग भारत कर रहा है.
वैश्विक व्यापार तनाव और तेल की कीमतों में उछाल
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा पर 35% और अन्य व्यापारिक साझेदारों पर 15-20% शुल्क लगाने की घोषणा की, जिससे वैश्विक व्यापार संरक्षणवाद की चिंताएं बढ़ीं. इसके अलावा, ट्रंप के रूस पर संभावित कार्रवाई के बयानों से ब्रेंट क्रूड की कीमतें 0.35% बढ़कर 68.88 डॉलर प्रति बैरल हो गईं, जो भारत जैसे तेल आयातक देश के लिए नकारात्मक है.
इंडिया VIX में बढ़ोतरी
बाजार की अस्थिरता का सूचक इंडिया VIX 2% बढ़कर 11.87 पर पहुंच गया, जो तिमाही नतीजों और व्यापार समझौते की अनिश्चितता के बीच निवेशकों की घबराहट को दर्शाता है.