menu-icon
India Daily

दिल्ली की महिलाएं कैसे बनवाएं सहेली स्मार्ट कार्ड, कौन से डॉक्यूमेंट्स की होगी जरूरत, जानिए हर सवाल का जवाब

दिल्ली सरकार ने महिलाओं के फ्री बस सफर के लिए अब 'पिंक स्लिप' की जगह 'सहेली स्मार्ट कार्ड' अनिवार्य कर दिया है. यह कार्ड केवल दिल्ली की स्थायी निवासी 12 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को मिलेगा. रजिस्ट्रेशन डीटीसी पोर्टल पर करना होगा और आधार आधारित केवाईसी प्रक्रिया बैंक में पूरी करनी होगी.

auth-image
Edited By: Yogita Tyagi
representative image

दिल्ली में अब महिलाओं को डीटीसी और क्लस्टर बसों में फ्री सफर के लिए 'पिंक स्लिप' नहीं बल्कि 'सहेली स्मार्ट कार्ड' दिखाना होगा. दिल्ली सरकार ने इस योजना को और स्मार्ट बनाने के लिए यह नया कदम उठाया है। यह कार्ड नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड की तरह काम करेगा और इसकी प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी.

इस योजना की शुरुआत आम आदमी पार्टी की सरकार ने 2019 में की थी। उस समय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल थे. अब राजधानी में भाजपा की सरकार बनने के बाद भी यह योजना जारी है, लेकिन अब इसका स्वरूप डिजिटल और संगठित किया जा रहा है. नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में इसे 'सहेली स्मार्ट कार्ड' का नाम दिया गया है.

 कौन कर सकता है आवेदन? 

12 वर्ष से अधिक आयु की दिल्ली निवासी महिलाएं इस कार्ड के लिए आवेदन कर सकती हैं. केवल वही महिलाएं पात्र होंगी, जो दिल्ली की स्थायी नागरिक हैं. एनसीआर क्षेत्र की निवासी महिलाएं इस योजना का लाभ नहीं ले सकेंगी.

DTC के पोर्टल पर करें आवेदन 

कार्ड बनवाने के लिए महिलाओं को दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा. रजिस्ट्रेशन के दौरान उन्हें उस बैंक का चयन करना होगा जिससे वे कार्ड बनवाना चाहती हैं. चयन के बाद संबंधित बैंक में जाकर आधार कार्ड के माध्यम से केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी. इसके पश्चात बैंक द्वारा सहेली स्मार्ट कार्ड डाक के माध्यम से पते पर भेजा जाएगा.

कैसे करें एक्टिवेट? 

कार्ड प्राप्त होने के बाद इसे डीटीसी के Automatic Fare Collection System से एक्टिवेट करना अनिवार्य होगा. सहेली स्मार्ट कार्ड बनवाने के लिए महिला के पास दिल्ली के पते वाला आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, पैन कार्ड और पासपोर्ट साइज फोटो होना जरूरी है. यह कदम महिलाओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है ताकि उन्हें बार-बार पिंक स्लिप की जरूरत न पड़े और सफर करना ज्यादा आसान और सुरक्षित बन सके.