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इस बार बड़े बदलावों के साथ आए ITR फॉर्म, रिटर्न फाइल करने से पहले जरूर पढ़ें

Income Tax Return: टैक्स भरने वालों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है. असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR-1 (सहज) और ITR-4 (सुगम) फॉर्म को आधिकारिक रूप से अधिसूचित कर दिया है.

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Edited By: Princy Sharma
Income Tax Return forms
Courtesy: Pinterest

Income Tax Return forms:  टैक्स भरने वालों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है. असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR-1 (सहज) और ITR-4 (सुगम) फॉर्म को आधिकारिक रूप से अधिसूचित कर दिया है. यह फॉर्म्स खासतौर पर उन व्यक्तियों और फर्मों के लिए बनाए गए हैं जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपये तक है.

अब तक अगर किसी व्यक्ति को शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड से 1 लाख रुपये से ज्यादा का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) होता था, तो उन्हें जटिल ITR-2 फॉर्म भरना पड़ता था. लेकिन अब सरकार ने इसकी सीमा बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दी है. यानी अब जिन निवेशकों की LTCG आय1.25 लाख रुपये तक है, वे भी आसानी से ITR-1 (सहज) भर सकते हैं. यह बदलाव खासकर सैलरीड और मिडल क्लास टैक्सपेयर्स के लिए बड़ा तोहफा है.

कौन भर सकता है ITR-1 (सहज)?

यह फॉर्म उन निवासी व्यक्तियों के लिए है जिनकी आय 50 लाख रुपये तक हो और आय के स्रोत सैलरी, एक मकान से रेंट या खुद का घर, अन्य स्रोत जैसे बैंक ब्याज आदि हों. साथ ही कृषि आय 5,000 रुपये तक हो. अब इसमें LTCG 1.25 लाख रुपये तक वालों को भी शामिल कर लिया गया है.

ITR-4 (सुगम) किसके लिए?

यह फॉर्म उन व्यक्तियों, HUFs और फर्मों (LLPs को छोड़कर) के लिए है जिनकी कुल सालाना आय 50 लाख रुपये तक है और जो व्यापार या पेशे से आय कमा रहे हैं.

ITR-2 कब भरना होगा?

यदि किसी की LTCG 1.25 लाख रुपये से ज्यादा है या पूंजी हानि (Capital Loss) है जिसे आगे कैरी फॉरवर्ड करना है, तो उन्हें ITR-2 भरना होगा.

विशेषज्ञों की राय

टैक्स एक्सपर्ट संदीप सहगल ने कहा कि अब साधारण निवेशकों और सैलरीड क्लास के लिए टैक्स भरना आसान हो गया है. पहले छोटे निवेशकों को भी जटिल ITR-2 फॉर्म भरना पड़ता था, लेकिन अब वे आसानी से ITR-1 या ITR-4 का उपयोग कर सकते हैं, अगर उनकी LTCG 1.25 लाख रुपये से कम है.

फायदा क्या है? 

इस नए बदलाव से लाखों टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी. टैक्स भरने की प्रक्रिया पहले से आसान, तेज और समझने योग्य होगी. खास बात ये है कि अब लोगों को चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद लिए बिना भी टैक्स फाइल करना आसान लगेगा.