Future Cars: एक समय था जब डीजल की कारों को जलवा हुआ करता था, फिर ये धीरे-धीरे पेट्रोल पर आ गईं. इसके बाद ये एलपीजी और सीएनजी व अब इलेक्ट्रिक वाहन लोगों को अपनी ओर खूब आकर्षित करने में लगे हुए हैं.
जापान की कंपनी टोयोटा ने अपनी इंडियन सब्सिडियरी के साथ मिलकर हाल ही में हाइड्रोजन से चलने वाली कार पेश की थी. इस पर देश के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी एक बार संसद भवन पहुंचे थे. वैश्विक बाजार ही नहीं अब भारतीय बाजार में भी पेट्रोल-डीजल के वाहनों को कम पसंद किया जा रहा है.
वर्ष 2002 में जेनेसिस वर्ल्ड एनर्जी ने घोषणा कर दी थी कि उसने हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से को अलग करके और उसे पानी के रूप में दोबारा संयोजित करके एनर्जी बनाएगी और इससे कार चलेगी, पर वे आजतक ऐसा नहीं कर पाए. वहीं, 2008 में भी जापानी कंपनी जेनपेक्स ने दावा किया था कि उनकी कार पाानी और हवा पर चल सकती है. जांच में उनके दावे भी फुस्स हो गए. अभी तक पानी से चलने वाली कार के दावे तो हुए हैं पर फुस्स हो गए.इसके अलावा एक ईरानी वैज्ञानिक ने भी दावा किया था कि उसने 60 लीटर पानी के टैंक से चलने वाली कार का अविष्कार कर लिया है और इसका 2018 में परीक्षण भी कर लिया था पर ये भी कार मार्केट में दिखाई नहीं दी.
पहले भाप से चलने वाले इंजन हुआ करते थे पर इनमें लगातार कोयल डालना पड़ता था. इसके बाद पानी से बनने वाली भाप से इंजन चलता था पर ये बहुत महंगा और प्रदूषण पैदा करने वाला प्रोसेस था. जिसके बाद पेट्रोल और डीजल से चलने वाले इंजन अस्तित्व में आए.
हाइड्रोजन से चलने वाली कारें मार्केट में आ भी चुकी हैं. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस कार की कीमत 60 लाख रुपये एक्स शोरूम प्राइस है. इस कार को फ्यूचर कार माना जा रहा है.
अभी भारत में इलेक्ट्रिक कारों का क्रेज चल रहा है. मार्केट में सभी कंपनियां इलेक्ट्रिक कार बना रही हैं.जल्द ही मार्केट में यह कारें पेट्रोल और डीजल की कारों को रिपलेस कर सकती हैं.
पहले कुछ कारें एलपीजी से चली थीं पर यह खतरनाक थी तो अब सीएनजी से चलने वाली कारें मार्केट में उपलब्ध हो चुकी हैं. इन कारों ने अभी तक पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कारों का स्थान नहीं ले पाया है.
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