IIT Hyderabad driverless car: भारत में तकनीक की दुनिया में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज हुई है. आईआईटी हैदराबाद के शोधकर्ताओं ने एआई-संचालित चालक रहित वाहन का अनावरण किया है जिसने 18 महीनों में 10,000 से अधिक सवारियों को सुरक्षित यात्रा का अनुभव दिया है और अब तक शून्य दुर्घटनाएं दर्ज की हैं. यह उपलब्धि भारतीय सड़कों की जटिल परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए स्वायत्त नेविगेशन तकनीक के विकास का परिणाम है.
इस प्रोजेक्ट को टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब ऑन ऑटोनॉमस नेविगेशन (TiHAN) ने तैयार किया है. टीम ने वाहन को पहले आईआईटी हैदराबाद परिसर की आंतरिक सड़कों पर सफलतापूर्वक चलाया और धीरे-धीरे सुरक्षा व दक्षता को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया. अब यह तकनीक हवाई अड्डों, गोदामों और बड़े शैक्षणिक परिसरों में उपयोग के लिए उपयुक्त मानी जा रही है.
शोधकर्ताओं ने चालक रहित वाहन को एक नियंत्रित वातावरण में चरण-दर-चरण तरीके से विकसित किया. शुरुआत में लक्ष्य केवल वाहन को स्वयं चलाने का था. इसके बाद धीरे-धीरे इसमें सुरक्षा और नेविगेशन से जुड़ी सुविधाएँ जोड़ी गईं. यहां आप वीडियो देख सकते हैं.
VIDEO | Hyderabad, Telangana: As part of developing smart mobility solutions for Indian conditions, IIT Hyderabad's TiHAN team has created AI-based software for driverless buses, now being used to transport students and faculty across the campus.
— Press Trust of India (@PTI_News) August 11, 2025
(Full video available on PTI… pic.twitter.com/hhMjRFTS0Y
पिछले डेढ़ साल में 10,000 से अधिक लोग इस वाहन में सफर कर चुके हैं. खास बात यह है कि एक भी दुर्घटना दर्ज नहीं हुई है. यात्रियों ने वाहन की सुरक्षित और आरामदायक यात्रा के अनुभव की सराहना की है.
टीम का ध्यान भारतीय सड़कों की वास्तविक चुनौतियों जैसे ट्रैफिक, मौसम और बुनियादी ढांचे की सीमाओं में भी बेहतर तरीके से काम कर सके. यह ‘ऑटोनोमस नेविगेशन स्टैक’ इलेक्ट्रिक और इंटरनल कम्बशन इंजन वाले किसी भी वाहन में इस्तेमाल किया जा सकता है.
फिलहाल सुरक्षा के लिहाज से वाहन में एक ड्राइवर मौजूद रहता है, जो केवल निगरानी करता है. लेकिन आने वाले समय में लक्ष्य यह है कि चालक की उपस्थिति की आवश्यकता पूरी तरह खत्म हो जाए. शोधकर्ता उद्योग के साथ साझेदारी कर इस तकनीक को व्यावसायिक रूप देने की दिशा में भी आगे बढ़ना चाहते हैं.