कभी सोचा है कि जिन यदुवंशियों के पराक्रम का महाभारत में कौरव और पांडव महारथी लोहा मानते थे, वे ही यदुवंशी एक युद्ध में हार गए थे. एक योद्धा ने न केवल भगवान कृष्ण की बहन का हरण कर लिया था, बल्कि यादवों को हरा भी दिया था. जब तक भगवान कृष्ण के भाई बलराम को यह खबर लगती, यदुवंशी बुरी तरह महाभारत के उस योद्धा से पिट चुके थे. कैसे कृष्ण की बहन सुभद्रा उस योद्धा से प्यार कर बैठीं, कैसे उनका हरण हुआ किसने यदुवंशियों को हराया, आइए जानते हैं.
पंडिय मायेश द्विवेदी बताते हैं अर्जुन, भगवान कृष्ण की बहन सुभद्रा पर आसक्त हो गए थे. विश्व के अद्वितीय धनुर्धर अर्जुन पर सुभद्रा भी मोहित थीं. अर्जुन पहले से विवाहित थे. उन्होंने द्रौपदी, उलुपी और चित्रांगदा से पहले ही शादी रचा ले थी. लेकिन उस युग में बहुविवाह सामान्य था. अर्जुन सुभद्रा पर भगवान कृष्ण के महल में दिल हार बैठे.
सुभद्रा से प्यार करते थे अर्जुन, पर इस वजह से डरते थे
भगवान को यह बात मालूम पड़ी तो उन्होंने मुस्करा दिया. दरअसल अर्जुन की मां कुंती कृष्ण की बुआ लगती थीं. उस रिश्ते से अर्जुन और सुभद्रा भाई-बहन लगते. अर्जुन संकोच में थे. भगवान ने उनके मन की स्थिति जान ली और कहा कि तुम सुभद्रा का हरण कर लो.
दुर्योधन से होने वाली थी सुभद्रा की शादी
सोचकर देखिए, जिस यदुवंश से कौरव-पांडवों की सेनाओं को भय लगता था, उनके गढ़ द्वारका से भगवान कृष्ण की बहन सुभद्रा को हर पाना कितना कठिन होगा. भगवान बलराम ने पहले ही सोच रखा था कि वे अपने शिष्य दुर्योधन से सुभद्रा का विवाह कराएंगे. कृष्ण जानते थे कि दुर्योधन पापाचारी है. भगवान ने कहा कि तुम सुभद्रा का हरण कर लो.
कृष्ण के सामने सुभद्रा को हर ले गए अर्जुन!
अर्जुन सुभद्रा का हरण करके चलने लगे. कुछ यदुवंशी सैनिक थे जो उनका पीछा करने लगे. अर्जुन ने उन्हें परास्त कर सुभद्रा हरण कर लिया. जब यह बात बलराम को पता चली तो वे क्रोधित हो गए. वे अपना हल लेकर हस्तिनापुर को ही मिटाने चल पड़े. भगवान कृष्ण को जैसे यह बात पता चली, वे भागकर उनके पास पहुंचे. किसी तरह समझा-बुझाकर उन्होंने अपने बड़े भाई को शांत कराया और अर्जुन-सुभद्रा का विवाह कराया.