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Nag Panchami 2023: जानें नागपंचमी के दिन क्यों पीटी जाती है गुड़िया?

Nag Panchami:अधिकतर जगहों पर नागपंचमी के दिन गुड़िया पीटने की एक परंपरा निभाई जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका क्या महत्व है.

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Edited By: Mohit Tiwari
Nag Panchami 2023: जानें नागपंचमी के दिन क्यों पीटी जाती है गुड़िया?

नई दिल्ली. हर साल सावन के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव और नाग देवता की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होता है.वैदिक पंचांग के अनुसार साल 2023 में नाग पंचमी 21 अगस्त को पड़ रही है. इसी दिन सावन का सातवां सोमवार भी पड़ रहा है. इस कारण यह त्योहार और भी खास हो जाता है. 

सावन के सातवें सोमवार और नागपंचमी का यह संयोग काफी शुभ माना जा रहा है. इस दिन सभी जगह पर भगवान शिव और नाग देवता की पूजा की जाती है. इसके अलावा कुछ लोग इस दिन नागों को दूध भी पिलाते हैं और उन्हें लावा का भोग भी लगाया जाता है. मान्यता है कि इससे भोलेनाथ भक्तों से प्रसन्न होते हैं और उनको धन, वैभव, सुख-सौभाग्य का आशीर्वाद देते हैं. इसके अलावा देश में कई जगहों पर नागपंचमी पर गुड़िया पीटने की भी परंपरा निभाई जाती है.

क्या हैं यह परंपरा?

नाग पंचमी के दिन घर की महिलाएं पुराने कपड़ों से गुड़िया बनाती हैं. इसके साथ ही आसपास रहने वाली भी महिलाएं गुड़िया बनाती हैं और इन्हें चौराहे पर डालती हैं. इसके बाद बच्चे इन गुड़ियों को डंडों से पीटते हैं. इसके पीछे कई सारी कथाएं प्रचलित हैं.

कैसे शुरू हुई यह परंपरा?

यह कहानी भाई-बहन से जुड़ी हुई है. धार्मिक कथाओं के अनुसार एक लड़का महादेव का अत्यंत भक्त था. वह रोजाना मंदिर जाया करता था. इसके साथ ही वह वहां भगवान शिव और नाग देवता की पूजा किया करता था. वह हर दिन नाग देवता को दूध भी पिलाया करता था. इससे भक्त के प्रति नागदेवता का लगाव बढ़ गया. कई बार पूजा के दौरान नाग शिवभक्त के पैरों में लिपट जाया करता था, लेकिन उनको कभी कोई नुकसान नहीं पहुंचाता था. 

कुछ दिन बाद सावन के महीने के शुरुआत हुई और भक्त अपनी बहन के साथ मंदिर आया. हमेशा की सांप फिर से उस लड़के के पैर में लिपट गया. इससे उसकी बहन डर गई और उसने भाई की जान बचाने के लिए सांप को पीट-पीटकर मार डाला. यह देखकर उसके भाई ने उसे पूरी कहानी सुनाई तो बहन दुखी हो गई. इस पर मंदिर में उपस्थित लोगों ने कहा कि जाने-अनजाने में तुमसे जो गलती हो गई है, इसका तुमको दंड मिलना चाहिए. बहन ने अनजाने में नाग को मारा था. इस कारण भाई ने प्रतीकात्मक गुड़िया बनाकर उसे डंडों से पीटा और नागदेवता से अपनी बहन को क्षमा करने की याचना की.  उस दिन के बाद से नाग पंचमी के दिन गुड़िया पीटने की परंपरा की शुरुआत हुई. 

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com   इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.