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'पाकिस्तानी सेना के प्रति अमेरिका का झुकाव दुनिया के लिए बड़ा खतरा', शशि थरूर ने दी चेतावनी

शशि थरूर ने तर्क दिया कि पाकिस्तान की सेना दशकों से अपने शस्त्रागार को “निवारक के रूप में नहीं, बल्कि राजनयिक हथियार के रूप में” इस्तेमाल करती है. उन्होंने ए.क्यू. खान नेटवर्क का जिक्र किया, जिसने उत्तर कोरिया, ईरान और लीबिया को तकनीक बेची.

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Edited By: Mayank Tiwari
Shashi Tharoor With Donald Trump
Courtesy: X

कांग्रेस सांसद और पूर्व राजनयिक शशि थरूर ने चेतावनी दी है कि अमेरिका का पाकिस्तान की सेना के प्रति उदार रवैया भारत और वैश्विक स्थिरता के लिए बढ़ता खतरा है. एनडीटीवी के लिए लिखे एक लेख में थरूर ने कहा, “आज, अमेरिका की भ्रांतियां पहले से कहीं अधिक खतरनाक हैं.” शशि थरूर ने कहा कि पाकिस्तान के जनरलों ने “हर पारंपरिक युद्ध हारा है,” लेकिन उन्होंने “परमाणु ब्लैकमेल” जैसे खतरनाक हथियार में महारत हासिल की है. उन्होंने लिखा, “सबसे बड़ा खतरा बम नहीं, बल्कि उस बटन पर मंडराने वाला हाथ है. आज, वह हाथ ‘फील्ड मार्शल’ आसिम मुनीर का है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शशि थरूर ने आसिम मुनीर के कश्मीर को पाकिस्तान की “जुगुलर वेन” बताने और मुस्लिमों का गैर-मुस्लिम बहुल भारत में रहना असंभव बताने वाले बयान का जिक्र किया. उन्होंने लिखा, “यह कहना कि मुस्लिम गैर-मुस्लिम बहुल देश में नहीं रह सकते, अमेरिका में रहने वाले पाकिस्तानी प्रवासियों के बीच यह बयान देना और भी हास्यास्पद है.

अमेरिका की उदारता पर उठे सवाल

शशि थरूर ने बताया कि आसिम मुनीर ने व्हाइट हाउस डिनर में चेतावनी दी थी कि अगर उकसाया गया तो पाकिस्तान “आधा विश्व नष्ट कर सकता है.” उन्होंने कहा, “इस बयान पर अलार्म बजना चाहिए था, न कि तालियां. इसके बजाय, इसे राजनयिक उदारता का सामना करना पड़ा, जो अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में एक परिचित पैटर्न है, जहां रणनीतिक सुविधा नैतिक स्पष्टता पर हावी हो जाती है.

आतंकवाद और परमाणु धमकी

थरूर ने तर्क दिया कि पाकिस्तान की सेना दशकों से अपने शस्त्रागार को “निवारक के रूप में नहीं, बल्कि राजनयिक हथियार के रूप में” इस्तेमाल करती है. उन्होंने ए.क्यू. खान नेटवर्क का जिक्र किया, जिसने उत्तर कोरिया, ईरान और लीबिया को तकनीक बेची. उन्होंने लिखा, “फिर भी, विश्व की उदारता और साझेदारी के भ्रम के कारण पाकिस्तान को कोई गंभीर परिणाम नहीं भुगतना पड़ा.” थरूर ने सवाल उठाया, “अब जब अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से हट चुकी है, तो अमेरिका पाकिस्तान को क्यों साझेदार मानता है?

”पहलगाम हमला और भारत के लिए खतरा

इस महीने इस्लामाबाद में हुए अमेरिका-पाकिस्तान आतंकवाद-रोधी संवाद पर थरूर ने लिखा, “यह विडंबना है कि अमेरिका पाकिस्तान की असंगतियों को नजरअंदाज करता है, जिसमें सैन्य के कई चरमपंथी समूहों से सिद्ध संबंध शामिल हैं, जिन्हें उसने अपने पड़ोसियों के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए तैयार किया है.” पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा, “पहलगाम आतंकी हमले के बाद मुनिर का हालिया शेखी बघारना जिम्मेदारी की स्वीकारोक्ति जैसा है.” उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान की सेना अब भारत की जल आपूर्ति को भी धमकी दे रही है, और भविष्य में भारत के बांध निर्माण के जवाब में परमाणु वृद्धि की धमकी दे रही है.