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आ गई त्योहारों की लिस्ट, जानें दिसंबर 2024 में हैं कौन से Festival

बस कुछ ही दिनों में 2025 का स्वागत किया जाएगा और यह साल सभी के लिए नए अवसरों और संभावनाओं का प्रतीक होगा. नए साल की शुरुआत के साथ हर व्यक्ति नए लक्ष्य और योजनाओं का निर्माण करता है.

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Edited By: Priya Singh
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Courtesy: x

बस कुछ ही दिनों में 2025 का स्वागत किया जाएगा और यह साल सभी के लिए नए अवसरों और संभावनाओं का प्रतीक होगा. नए साल की शुरुआत के साथ हर व्यक्ति नए लक्ष्य और योजनाओं का निर्माण करता है. यह समय उन सभी के लिए खास होता है, जो रुके हुए कामों को पूरा करने और नए व्यापार की शुरुआत के लिए नववर्ष का इंतजार करते हैं. वहीं, ज्योतिष गणना के अनुसार साल 2024 का समापन भी कई शुभ योगों के साथ हो रहा है, जिससे यह समय और भी खास बनता है.

अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से वर्तमान में दिसंबर माह चल रहा है, जो साल के अंत का महीना है. इस माह की शुरुआत मार्गशीर्ष अमावस्या से हो चुकी है, जो पितरों की पूजा और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष महत्व रखती है. इसके साथ ही इस माह में कई प्रमुख व्रत, त्योहार और धार्मिक अनुष्ठान मनाए जाते हैं, जो पूरे माह को धार्मिक दृष्टि से खास बनाते हैं. आइए जानते हैं इस माह में आने वाले कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों के बारे में.

मार्गशीर्ष अमावस्या (12 दिसंबर 2024)

मार्गशीर्ष माह की अमावस्या को विशेष रूप से पितरों की पूजा करने का दिन माना जाता है. इस दिन को पितृ पक्ष का अंतिम दिन भी कहा जाता है. पितरों के प्रति श्रद्धा और आभार व्यक्त करने के लिए इस दिन विशेष पूजा और तर्पण अनुष्ठान किए जाते हैं. इस दिन का महत्व खास तौर पर उन लोगों के लिए है जो अपने पूर्वजों से आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं.

अन्नपूर्णा जयंती (15 दिसंबर 2024)

अन्नपूर्णा जयंती देवी अन्नपूर्णा के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है. देवी अन्नपूर्णा को भोजन और भिक्षाटन की देवी माना जाता है. इस दिन भक्त विशेष रूप से अन्न की देवी की पूजा करते हैं और घर-घर में पकवानों का भोग अर्पित किया जाता है. इस दिन देवी की कृपा से घर में कभी भी अन्न का अभाव नहीं होता.

सफला एकादशी (17 दिसंबर 2024)

सफला एकादशी का व्रत विशेष रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ देने वाला माना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और उपवासी व्रत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. सफला एकादशी का व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए बहुत लाभकारी होता है, जो जीवन में किसी विशेष इच्छा या लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं. 

विवाह पंचमी (18 दिसंबर 2024)

विवाह पंचमी भगवान राम और माता सीता के विवाह के दिन को याद करते हुए मनाई जाती है. इस दिन विशेष रूप से भगवान राम और माता सीता की पूजा की जाती है. यह दिन उन लोगों के लिए बहुत शुभ होता है, जो विवाह में सफलता की कामना रखते हैं या जो शादी की तैयारी में हैं. इस दिन श्रीराम के विवाह के अवसर पर भव्य आयोजनों और विवाह संबंधी रीतियों का पालन किया जाता है.

संत एकादशी (22 दिसंबर 2024)

संत एकादशी का व्रत विशेष रूप से संतों और गुरु की पूजा के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भक्तगण अपने गुरुओं का सम्मान करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने की कोशिश करते हैं. यह व्रत मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति के लिए लाभकारी माना जाता है.

ग्रहिणी व्रत (28 दिसंबर 2024)

ग्रहिणी व्रत खासतौर पर महिलाओं द्वारा अपने घर-परिवार की खुशहाली के लिए किया जाता है. इस दिन विशेष रूप से गृहस्थ जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की कामना की जाती है. घर की महिलाओं द्वारा यह व्रत किया जाता है, जिससे घर में पॉजीटिव ऊर्जा का संचार होता है और पारिवारिक रिश्ते मजबूत होते हैं.

कृष्णाष्टमी (30 दिसंबर 2024)

यह दिन विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण की पूजा का दिन होता है. कृष्णाष्टमी का व्रत करने से भक्त भगवान कृष्ण के आशीर्वाद से हर तरह की समस्याओं से मुक्ति प्राप्त करते हैं. इस दिन विशेष रूप से भगवान कृष्ण की आराधना और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है.