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Chandra Grahan 2025: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण शुरू, 122 साल बना दुर्लभ संयोग बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए शुभ या अशुभ? जानें

साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई दे रहा है, जो कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लग रहा है. खास बात यह है कि इस बार चंद्र ग्रहण पर करीब 122 साल बाद पितृपक्ष का दुर्लभ संयोग भी बना है. 

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Edited By: Kuldeep Sharma
 Lunar Eclipse
Courtesy: web

आज रात का चंद्र ग्रहण बेहद खास है क्योंकि यह न सिर्फ साल का आखिरी पूर्ण चंद्र ग्रहण है, बल्कि 122 साल बाद ऐसा संयोग बना है कि पितृपक्ष और ग्रहण एक साथ पड़े हैं. ज्योतिषीय दृष्टि से यह ग्रहण भारत के लिए कई संकेत लेकर आया है. वहीं, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है.

भारतीय समयानुसार चंद्र ग्रहण रात 9:58 बजे शुरू हुआ है, जो 1:26 बजे तक रहेगा. छाया स्पर्श का समय 8:59 बजे से शुरू हुआ और पूर्ण मोक्ष 2:24 बजे पर होगा. पूर्ण चंद्र ग्रहण का चरण 11:00 से 12:22 बजे तक रहेगा और इसका पीक टाइम 11:42 बजे होगा. यानी इस दौरान लोग लालिमा लिए ब्लड मून का अद्भुत नजारा देख सकेंगे. भारत में इससे पहले इतना स्पष्ट पूर्ण चंद्र ग्रहण साल 2018 में देखा गया था, जबकि अगला अवसर 31 दिसंबर 2028 को आएगा.

धार्मिक मान्यता और पितृपक्ष का दुर्लभ संयोग

चंद्र ग्रहण वैसे तो साल में कई बार आते हैं, लेकिन इस बार यह पितृपक्ष के आरंभ के साथ पड़ रहा है. ज्योतिषीय गणना के अनुसार, ऐसा संयोग 122 साल बाद बना है. श्रद्धालुओं के लिए यह समय खास महत्व रखता है. प्रयागराज में संगम घाट पर स्नान और श्राद्धकर्म करने वालों की भीड़ बढ़ गई है. गंगा के बढ़े जलस्तर के बावजूद लोग स्नान कर पितरों को तर्पण अर्पित कर रहे हैं. यह संयोग पितृपक्ष और ग्रहण को और भी महत्वपूर्ण बना रहा है.

सावधानियां और परंपराएं

ग्रहण के दौरान कई धार्मिक और सामाजिक मान्यताएं जुड़ी हैं. इस समय खाना पकाने और खाने से परहेज करने की परंपरा है. शुभ कार्य और धार्मिक अनुष्ठान भी नहीं किए जाते. भगवान की मूर्तियों का स्पर्श वर्जित माना जाता है. गर्भवती महिलाओं को चाकू, कैंची, सुई या किसी तेज वस्तु के उपयोग से बचने की सलाह दी जाती है. बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर निकलने से रोका जाता है. वहीं, ग्रहण के दौरान मंत्र जाप, भजन-कीर्तन और ध्यान करने को अत्यंत शुभ बताया गया है.

ज्योतिषीय प्रभाव और भविष्यवाणियां

ज्योतिषविदों का मानना है कि यह ग्रहण भारत के लिए कुछ अशुभ संकेत लेकर आया है. खासकर उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पंजाब में राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं. पर्वतीय क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं की आशंका जताई गई है. बड़े नेताओं के स्वास्थ्य और राजनीतिक स्थिरता पर भी सवाल उठ सकते हैं.

इसके साथ ही भारत-पाक सीमा पर तनाव बढ़ने की संभावनाएं भी सामने आई हैं. हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि नग्न आंखों से ग्रहण देखना पूरी तरह सुरक्षित है और इसे टेलीस्कोप या बाइनोकुलर से और भी साफ तरीके से देखा जा सकता है.