menu-icon
India Daily

'पीएम पद छोड़ना मंजूर लेकिन...', सोशल मीडिया पर बैन को लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री ने दिया बड़ा बयान

नेपाल में Gen-Z युवाओं का आंदोलन तेज हो गया है, जहां सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ सड़कों पर उतरे हजारों युवाओं पर पुलिस की कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई और 347 से अधिक घायल हुए हैं.

auth-image
Edited By: Sagar Bhardwaj
Nepal PM KP Sharma Oli said Will not bow down to protesters will not lift ban on social media
Courtesy: web

 Nepal Gen-Z Protest: नेपाल में Gen-Z युवाओं का आंदोलन तेज हो गया है, जहां सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ सड़कों पर उतरे हजारों युवाओं पर पुलिस की कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई और 347 से अधिक घायल हुए हैं. हिमालयी देश की राजधानी काठमांडू और अन्य शहरों में फैले इन प्रदर्शनों ने राजनीतिक संकट को जन्म दे दिया है.

गृह मंत्री रमेश लेखक ने सोमवार शाम को नैतिक जिम्मेदारी का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया, जबकि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कैबिनेट बैठक में सोशल मीडिया प्रतिबंध हटाने से साफ इनकार कर दिया. पीएम केपी शर्मा ओली ने कहा कि वे किसी भी कीमत पर प्रदर्शनकारियों के आगे नहीं झुकेंगे चाहे उन्हें भले ही इस्तीफा क्यों न देना पड़े.

प्रदर्शनकारियों को बताया जेन-Z उपद्रवी

सत्तारूढ़ गठबंधन में नेपाली कांग्रेस के मंत्रियों ने प्रतिबंध हटाने की मांग की, लेकिन ओली ने आलोचकों को "जेन-Z उपद्रवी" बताकर खारिज कर दिया. इससे नाराज नेपाली कांग्रेस के मंत्रियों ने बैठक से वॉकआउट कर दिया. ओली ने बढ़ते विवाद पर सत्तारूढ़ गठबंधन की आपात बैठक बुलाई है.

सोशल मीडिया पर क्यों लगाया प्रतिबंध

पिछले सप्ताह नेपाल सरकार ने 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे मेटा के फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप; अल्फाबेट का यूट्यूब; एक्स, स्नैपचैट, पिन्टरेस्ट और रेडिट पर प्रतिबंध लगा दिया, क्योंकि ये कंपनियां नए नियमों के तहत रजिस्ट्रेशन कराने में विफल रहीं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की बैठक के बाद यह कदम उठाया गया. सरकार का दावा है कि ये प्लेटफॉर्म फर्जी आईडी से नफरत फैलाने, फेक न्यूज, धोखाधड़ी और अपराधों के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं.

भ्रष्टाचार छुपाने की कोशिश कर रही ओली सरकार

युवा प्रदर्शनकारी ओली सरकार के इस फैसले को अपना भ्रष्टाचार छिपाने और विरोधियों की आवाज दबाने की कोशिश मान रहे हैं. हिंसक विरोध प्रदर्शनों के चलते काठमांडू में कर्फ्यू लगा दिया गया है और स्कूल-कॉलेज को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है. इसके साथ ही सभी परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया गया है.