UGC bans online studies of many courses: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC)ने कई सारे कोर्सेज को डिस्टेंस और ऑनलाइन माध्यम से चलाने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही देश के कई विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर ऑनलाइन और डिस्टेंस शिक्षा के माध्यम से इन कोर्सेज को नहीं चलाने और संबद्धता नहीं देने की हिदायत भी दी है. यूजीसी ने स्नातक और स्नातकोत्तकर में योग, टूरिज्म एंड हॉस्पिटलिटी मैनेजमेंट प्रोग्राम की ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई पर रोक लगाई है. अब इन कोर्सेज की पढ़ाई कराने वाले संस्थानों को ऑनलाइन मोड में पढ़ाई बंद करनी होगी.
यूजीसी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों व उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे सभी डिग्री प्रोग्राम और पाठ्यक्रम के साथ ही इनको कराने के मोड (रेगुलर, ऑनलाइन, ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग) की जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी. इसके साथ ही विश्वविद्यालयों को इसकी सूचना भी यूजीसी को भेजनी अनिवार्य होगी. यदि कोई विश्वविद्यालय इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ जुर्माना और मान्यता रद्द, कोर्स पर रोक लगाने की कार्रवाई की जाएगी.
यूजीसी ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि मेडिकल, इंजीनियरिंग, फिजियोथेरेपी, पैरामेडिकल, फार्मेसी, नर्सिंग, डेंटल, हॉर्टिकल्चर, होटल मैनेजमेंट, कैटरिंग, टेक्नोलॉजी, ऑर्टिटेक्चर, लॉ, एग्रीकल्चर, कलिनरी साइंस, एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस, विजुअल ऑर्ट एंड स्पोर्ट्स, एविएशन की ऑनलाइन व डिस्टेंस मोड पर पढ़ाई कराने पर रोक लगा दी है.
अब योग व टूरिज्म एंड हॉस्पिटलिटी मैनेजमेंट की अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट की ऑनलाइन पढ़ाई नहीं होगी. इसके साथ ही कोई संस्थान नियमों का उल्लंघन करता है तो जुर्माना समेत उसकी मान्यता रद्द होगी.
यूजीसी ने विवि को भेजे गए पत्र में साफतौर पर कहा है कि स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई ऑनलाइन या डिस्टेंस माध्यम से नहीं की जा सकती है. विद्यार्थियों भी यूजीसी ने हिदायत दी है कि दाखिले से पहले यूजीसी की वेबसाइट पर संस्थान की जांच कर लें. इसके बाद ही नामांकन कराएं. इसको लेकर कई राज्यों के विश्वविद्यालयों पर यूजीसी ने कार्रवाई भी की है.