menu-icon
India Daily
share--v1

क्या सोने-चांदी के भंग हो रहा भारतीयों का मोह? इंपोर्ट-एक्सपोर्ट में आई भारी गिरावट, एक्सपर्ट्स ने बताई वजह

जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट में अप्रैल-दिसंबर 2023 के दौरान 20.78 फीसदी की गिरावट देखी गई और यह घटकर 22.7 बिलियन डॉलर पर आ गया. वहीं आयात में भी 22.43 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई और यह 15.59 बिलियन डॉलर पर आ गया.

auth-image
Sagar Bhardwaj
Gems and Jewellery Export

हाइलाइट्स

  • सोने-चांती के आयात-निर्यात में आई भारी गिरावट
  • एक्सपर्ट्स ने बताई ये बड़ी वजह

Business News: सोना-चांदी, हीरा-मोती को अपनी जान से भी ज्यादा चाहने वाले भारतीयों का क्या अब ज्वैलरी के प्रति मोह कम होने लगा है? ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि भारत में होने वाले जेम्स एंड ज्वेलरी के इंपोर्ट में गिरावट देखी गई है. जेम्स एंड ज्वैलरी के एक्सपोर्ट को लेकर भी कुछ ऐसा ही हाल है. पिछले साल 2023 के अंतिम नौ महीनों में देश में सोने का ना केवल एक्सपोर्ट कम हुआ है बल्कि इंपोर्ट में भी गिरावट देखी गई है.

GJEPC ने जारी किए आंकड़े

जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) ने हाल ही में एक आधिकारिक आंकड़ा जारी किया है जिसके मुताबिक जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट में अप्रैल-दिसंबर 2023 के दौरान 20.78 फीसदी की गिरावट देखी गई और यह घटकर 22.7 बिलियन डॉलर पर आ गया. वहीं आयात में भी 22.43 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई और यह 15.59 बिलियन डॉलर पर आ गया. एक्सपोर्ट और इंपोर्ट की तुलना इससे पिछले साल के आंकड़ों से की गई है.

पिछले साल भारत से 28664.98 मिलियन डॉलर के जेम्स एंड ज्वैलरी का एक्सपोर्ट हुआ था जो कि इस वित्त वर्ष के 9 महीनों में घटकर 22.7 बिलियन डॉलर रह गया.

रफ डायमंड का इंपोर्ट भी घटा
इस दौरान रफ डायमंड के इंपोर्ट में भी गिरावट आई है और यह घटकर 23.51 फीसदी से कम होकर 10.1 बिलियन और 867.72 लाख डॉलर पर आ गया. वहीं इससे पिछले साल की समान अवधि में यह 13.2 बिलियन यानी 992.75 लाख डॉलर रहा था.

कट एंड पॉलिश कैटेगिरी के निर्यात में भी गिरावट देखी गई है. अप्रैल 2023 से लेकर दिसंबर 2023 के दौरान कटे और पॉलिश किए गए हीरों का कुल निर्यात 28.27 फीसदी घटकर 11.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर आ गया है. जोकि 2022 में 16.62 बिलियन अमेरिकी डॉलर था. हालांकि कटे और पॉलिश किए गए हीरों के आयात में वृद्धि देखी गई और यह अप्रैल-दिसंबर 2023 के दौरान 42.95 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 1495.33 मिलियन डॉलर हो गया जबकि पिछले साल समान अवधि में यह 1046.06 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा था.

क्या कह रहे हैं जेम्स एंड ज्वेलरी सेगमेंट के एक्सपर्ट्स
कामा ज्वेलरी के एमडी कॉलिन शाह ने कहा कि जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट में मौजूदा गिरावट बाहरी कारणों से है, जिससे इसकी  अंतरराष्ट्रीय मांग में कमी आई है. उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका सहित इस साल 60 देशों चुनाव होने हैं, इसके साथ-साथ जियो पॉलिटिकल कारणों से अलग-अलग देशों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ा है जिससे महंगाई भी बढ़ी है और मांग में कमी आई है. कॉलिन शाह ने उम्मीद जताई कि वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही से जेमेस एंड ज्वेलरी सेगमेंट में फिर से चमक लौटेगी.