नई दिल्ली: सरकार ने साइबर ठगी को रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है और अब देश में सभी मैसेजिंग ऐप्स के लिए एक्टिव भारतीय सिम कार्ड अनिवार्य कर दिया है. इसमें Whatsapp, टेलीग्राम, सिग्नल, स्नैपचैट, शेयरचैट, जियोचैट और जोश जैसी सभी लोकप्रिय ऐप्स शामिल हैं. सरकार का कहना है कि इन ऐप्स को सिर्फ वाईफाई पर चलाने की अनुमति अब नहीं होगी और यूजर के फोन में एक्टिव सिम होना जरूरी होगा.
यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि विदेशी नंबरों से होने वाली साइबर ठगी और फर्जी गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके. दूरसंचार विभाग के नए आदेश के अनुसार, जिन ऐप्स की पहचान मोबाइल नंबर से होती है, उन्हें अब उसी मोबाइल नंबर वाली एक्टिव सिम के साथ फोन में जुड़े रहना होगा. अगर फोन में सिम नहीं लगी है या सिम बंद है तो ऐप बिल्कुल नहीं खुलेगी.
सरकार ने साफ कहा है कि इस नियम पर सभी कंपनियों को अगले 120 दिन के भीतर DoT को एक विस्तृत कंप्लायंस रिपोर्ट जमा करनी होगी जिसमें यह बताया जाएगा कि नया नियम पूरी तरह लागू किया गया है या नहीं. रिपोर्ट न देने पर या नियम न मानने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सरकार का कहना है कि कई विदेशी ठग बिना सिम के ऐप्स को इस्तेमाल करके धोखाधड़ी कर रहे थे.
वह फर्जी नंबरों के जरिए भारतीय यूजर्स को निशाना बना रहे थे क्योंकि ऐप्स सिर्फ मोबाइल नंबर मांगती थीं लेकिन फोन में उसी नंबर की सिम का होना जरूरी नहीं होता था. इस कारण सुरक्षा में एक बड़ा गैप बन गया था. अब नए नियम इस गैप को बंद कर देंगे और ऐप्स का उपयोग सुरक्षित होगा.
इसके अलावा दूरसंचार विभाग ने एक और बड़ा बदलाव लागू किया है. अब Whatsapp Web या Telegram Web जैसे वेब वर्जन हर 6 घंटे में अपने आप लॉगआउट हो जाएंगे. इसका मतलब है कि अगर कोई साइबर ठग किसी का वेब सेशन चुरा भी ले तो वह ज्यादा देर तक उसका इस्तेमाल नहीं कर पाएगा. हर 6 घंटे बाद यूजर को फिर से QR कोड स्कैन कर लॉगिन करना होगा.
सरकार का कहना है कि इससे ऑनलाइन सेशन चोरी की घटनाएं काफी कम होंगी और यूजर्स की प्राइवेसी और सुरक्षा मजबूत होगी. ये सभी नियम देश भर में लागू हो चुके हैं और इनमें किसी भी तरह का बदलाव तभी होगा जब दूरसंचार विभाग खुद इसकी अनुमति दे.