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India Daily

Telecom Cyber Security Rules: साइबर सिक्योरिटी पर सरकार सख्त, लोगों को बचाने के लिए अब उठाया ये जरूरी कदम

Telecom Cyber Security Rules: सरकार ने टेलीकॉम एक्ट के तहत नए नियम जारी किए हैं, जिनके अनुसार मोबाइल ऑपरेटरों को यूजर ट्रैफिक डाटा केंद्र सरकार को उपलब्ध कराना होगा. इसके अलावा, कंपनियों को सिक्योरिटी ब्रीच की सूचना 6 घंटे में देने का आदेश दिया गया है. सरकार को डाटा एनालिसिस को सुरक्षा एजेंसियों के साथ शेयर करने का अधिकार मिलेगा.

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Edited By: Shilpa Srivastava
Telecom Cyber Security Rules
Courtesy: Freepik

Telecom Cyber Security Rules: सरकार ने टेलीकॉम एक्ट के तहत नए नियमों की नोटिफिकेशन जारी की है जिसमें मोबाइल ऑपरेटरों को यूजर ट्रैफिक डाटा (मैसेज के कंटेंट को छोड़कर) केंद्र सरकार को उपलब्ध कराने की बात कही गई है. इन नियमों का उद्देश्य साइबर सिक्योरिटी को सुनिश्चित करना है. इसके अलावा, कंपनियों को किसी भी तरह की सिक्योरिटी ब्रीच की सूचना 6 घंटे के अंदर देने का आदेश भी दिया गया है. सरकार को यह अधिकार होगा कि वह इस डाटा को एनलाइज कर उसे लॉ एनफोर्समेंट और सुरक्षा एजेंसियों के साथ शेयर कर सके.

सरकार ने मोबाइल फोन सेलर्स को आदेश दिया है कि वो भारत में बने या इम्पोर्ट किए गए सभी मोबाइल डिवाइसों के IMEI नंबर को बिक्री से पहले ही रजिस्टर करे. यह कदम टेलीकॉम साइबर सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है. इस नियम के तहत, केंद्र या कोई भी अधिकृत एजेंसी, टेलीकॉम कंपनी से "मैसेज के कंटेंट को छोड़कर ट्रैफिक डाटा और अन्य डाटा" की मांग सकती है.

डाटा कलेक्ट और एनलाइज करने की परमीशन: 

नए नियमों के तहत, सरकार को टेलीकॉम कंपनियों से डाटा कलेक्ट और एनलाइज की अनुमति होगी. यह डाटा साइबर सुरक्षा को देखते हुए एनलाइज किया जाएगा और इसे लॉ एनफोर्समेंट के साथ सुरक्षा एजेंसियों के साथ शेयर किया जा सकेगा. इसके अलावा, अगर जरूरी हो, तो इस डाटा का इस्तेमाल सिक्योरिटी मेजर्स को लागू करने के लिए किया जाएगा. सरकार को यह अधिकार होगा कि वह इस डाटा का इस्तेमाल केवल टेलीकॉम साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए करे, न कि किसी अन्य उद्देश्य के लिए.

इन नए नियमों में टेलीकॉम कंपनियों से यह भी अपेक्षा की गई है कि वो एक चीफ टेलिकॉम सिक्योरिटी ऑफिस (CTSO) नियुक्त करें, जिसकी जानकारी उन्हें सरकार को लिखित रूप में देनी होगी. इसके साथ ही, किसी भी सुरक्षा उल्लंघन के मामले में टेलीकॉम कंपनियों को केंद्रीय सरकार को 6 घंटे के अंदर जानकारी देनी होगी.