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तपती गर्मी में मोबाइल के सिग्नल भी हो जाते हैं Weak! जानें ऐसा क्यों होता है

Mobile Connectivity: हीटवेब की स्थिति ऐसी बनी हुई है कि इससे मोबाइल सिग्नल भी वीक हो सकता है. मोबाइल कनेक्टिविटी को किस तरह से हीटवेब इफेक्ट करती है, चलिए जानते हैं. 

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Mobile Connectivity: गर्मी का पारा लगातार चढ़ रहा है. इसका नुकसान सिर्फ हमें ही नहीं बल्कि टेलिकॉम कंपनियों को भी हो रहा है. भारत के कई हिस्सों में बढ़ते तापमान के चलते टेलिकॉम टावर को मुश्किल झेलनी पड़ सकती है. ऐसे में टावर इंस्टॉलेशन में एयर कंडीशनिंग का खर्च बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है. ये इंस्टॉलेशन 24x7 मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए जरूरी हैं जिससे ऑपरेशन ठीक से चल सके. 

एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर अगले महीने तक हीटवेव की ऐसी ही स्थिति बनी रहती है तो Jio, Airtel और Vodafone Idea जैसे टेलीकॉम ऑपरेटरों की लागत बढ़ सकती है. क्योंकि उन्हें मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन को सही से चलाने के लिए ज्यादा बिजली और फ्यूल की जरूरत पड़ेगी. आमतौर पर, टावर कंपनियां एनर्जी कॉस्ट में किसी भी तरह के बदलाव का बोझ टावर कंपनियों पर ही डालती है. चलिए जानते हैं कि  मोबाइल कनेक्टिविटी को किस तरह से हीटवेब इफेक्ट कर सकती है. 

मोबाइल कनेक्टिविटी को किस तरह से हीटवेब इफेक्ट करेगी? 
मौसम और सेल टावर आमतौर पर साथ चलते हैं हैं, लेकिन अगर गर्मी बहुत ज्यादा हो या यूं कहें कि चरम पर हो तो इससे RF वेब्स बाधित हो सकती हैं. बता दें कि RF वेब्स टावर और आपके फोन के बीच भेजी जाती हैं, जिससे आप कम्यूनिकेशन कर पाते हैं. ह्यूमिडिटी और टैम्प्रेचर इन वेब्स को प्रभावित कर सकते हैं. ज्यादा ह्यूमिडिटी होने पर सिग्नल स्ट्रेंथ भी कम हो जाती है. हालांकि, वर्ष 2020 के एक रिसर्च की गई थी कि जिसमें कहा गया था कि हाई टैम्प्रेचर RF वेब्स को बढ़ावा देते हैं और सिग्नल स्ट्रेन्थ को बढ़ा देते हैं. 

हालांकि, इस तरह की स्थिति से बचने के लिए टेलिकॉम कंपनियों को सेल टावर में एयर कंडीशनिंग की सुविधा करनी होगी जिससे लोगों को सही सिग्नल स्ट्रेन्थ और कनेक्टिविटी मिल पाए.