Politician Deepfake Video: 20 मई यानी सोमवार को लोकसभा चुनाव का पांचवा चरण होने को हैं. ऐसे में सभी पार्टी में जोर-शोर से प्रचार कर रही हैं. इसी बीच सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो और फोटो वायरल हो रहे हैं जिसमें एक पार्टी के लोग विरोधी पार्टी के लिए वोट मांग रहे हैं. वहीं, कई बॉलीवुड स्टार्स के इसी तरह के फर्जी फोटोज-वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं.
अगर आपने भी ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर देखें होंगे तो जरूर हैरानी हुई होगी. लेकिन क्या ये वीडियो सच है? स्टार और पार्टी के ऑफिशियल अकाउंट में देखा जाए तो आपको ऐसा कोई वीडियो पोस्ट किया हुआ नहीं मिलेगा. दरअसल, राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने के लिए इस तरह के प्रयास करते हैं. इन दिनों हर कोई सोशल मीडिया की मदद से खूदको अपडेट करता है. इसी वजह से राजनीतिक दल फेक वीडियो के मदद से वोटर्स के पास पहुंच रहे हैं. बता दें, ऐसे मामलो को लेकर कई FIR भी दर्ज हुई हैं.
बता दें, राजनीतिक पार्टी के IT सेल की मदद से फेक वीडियो बनाए जाते हैं. ऐसे वीडियो बनाने के लिए लोग डीपफेक और एआई का इस्तेमाल करते हैं. आइए जरा डीपफेक के बारे में समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर यह है क्या?
डीपफेक वीडियो में स्पेशल मशीन लर्निंग का उपयोग किया जाता है. इसे डीप लर्निंग कहा जाता है. दो नेटवर्क के जरिए डीपफेक बनाए जाते हैं. इसमें एक इनकोडर होता है और दूसरा डीकोडर नेटवर्क होता है. इनकोडर नेटवर्क असली वीडियो को एनालाइज करता है जिसके बाद सभी डाटा को डीकोडर नेटवर्क को भेज दिया जाता है. इसके बाद फाइनल आउटपुट मिलता है जो हूबहू रियल वीडियो की तरह मालूम पड़ता है लेकिन वह फेक होता है.
डीपफेक वीडियो को पहचानने के लिए शख्स के एक्सप्रेशन और आंखों की बनावट को ध्यान से देखना होगा. डीपफेक वीडियो में कलर मैच नहीं करता है जिसके वजह से आप फेक वीडियो को आसानी से पहचान सकते हैं. लेकिन डीपफेक वीडियो पहचानने के लिए कई तरह के एआई टूल भी मौजूद हैं. AI or Not और Hive Moderation जैसे कई ऐसे टूल इंटरनेट पर मौजूद हैं जिसके मदद से आप रियल और फेक वीडियो को पहचान सकते हैं.