ChatGPT Update: ओपनएआई ने चैटजीपीटी को लेकर एक बड़ा बदलाव करने की घोषणा की है. कंपनी अब इसे ऐसे कठिन और विवादास्पद विषयों पर भी जवाब देने के लिए तैयार कर रही है, जिन पर पहले यह जवाब देने से बचता था. इसका मकसद एआई को ज्यादा पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना है.
क्या बदलेगा चैटजीपीटी में?
आपको बता दें कि अब चैटजीपीटी को 'बौद्धिक स्वतंत्रता' की दिशा में विकसित किया जा रहा है. इसका मतलब है कि यह अब अधिकतर विषयों पर निष्पक्ष दृष्टिकोण साझा करेगा, बजाय किसी भी तरह की जानकारी को छिपाने के. इससे पहले यह कई बार संवेदनशील मुद्दों पर उत्तर देने से मना कर देता था, लेकिन अब ओपनएआई की नई नीति के तहत इसमें बदलाव होगा.
ग्रोक एआई जैसा होगा चैटजीपीटी?
वहीं यह बदलाव एलन मस्क के ग्रोक एआई से प्रेरित माना जा रहा है, जो अधिक खुलकर जवाब देने के लिए जाना जाता है. ग्रोक, सार्वजनिक हस्तियों की छवियाँ भी बना सकता है, जबकि चैटजीपीटी अभी तक ऐसी चीज़ों से परहेज करता है. अब ओपनएआई अपने मॉडल को अधिक स्वतंत्र और जवाबदेही के साथ काम करने के लिए तैयार कर रहा है.
क्यों किया गया यह बदलाव?
बताते चले कि ओपनएआई को पिछले कुछ समय से पक्षपातपूर्ण उत्तर देने के आरोपों का सामना करना पड़ा है. खासतौर पर रूढ़िवादी विचारधारा वाले समूहों ने इसे राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर पूर्वाग्रही बताया था. ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने स्वीकार किया कि एआई में पहले पक्षपात की समस्या रही है.
क्या अब चैटजीपीटी हर सवाल का जवाब देगा?
हालांकि चैटजीपीटी अब अधिक खुलेपन के साथ जवाब देगा, लेकिन यह गलत, हानिकारक या भ्रामक जानकारी देने से अब भी बचेगा. ओपनएआई का कहना है कि चैटबॉट विवादास्पद मुद्दों पर भी तथ्यों के साथ तटस्थ राय देगा, लेकिन झूठी सूचनाओं से बचने के लिए सतर्क रहेगा.
बड़ी टेक कंपनियों की बदलती रणनीति
बता दें कि ओपनएआई के अलावा, मेटा और एक्स (पूर्व में ट्विटर) जैसी कंपनियाँ भी कंटेंट मॉडरेशन को लेकर अपने नियमों में बदलाव कर रही हैं.
क्या यह सही दिशा में कदम है?
बहरहाल, जैसे-जैसे एआई आधारित चैटबॉट्स सूचना स्रोत के रूप में लोकप्रिय होते जा रहे हैं, उनकी निष्पक्षता और पारदर्शिता पर भी सवाल उठ रहे हैं. ओपनएआई का यह नया दृष्टिकोण मुक्त अभिव्यक्ति और जिम्मेदार एआई उपयोग के बीच संतुलन बनाने का प्रयास है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह बदलाव किस हद तक सफल होता है.