Google Chrome Hacking: भारत की साइबर सुरक्षा एजेंसी CERT-In ने Google Chrome के डेस्कटॉप वर्जन के यूजर्स के लिए हाई रिस्क वॉनिंग जारी की है. एजेंसी ने कहा है कि गूगल क्रोम में कई कमियां पाई गई हैं जो हैकर्स को टारगेटेड सिस्टम में मालिशस कोड डालने की अनुमति देते हैं. इस तरह के अटैक्स से बचने के लिए यूजर्स को अपने ब्राउजर को तुरंत अपडेट करना होगा. CERT-In के अनुसार, विंडोज और मैक के Google Chrome वर्जन में कई कमियां मौजूद हैं जो हैकर्स को आपके सिस्समट को क्रैश करने और उसका कंट्रोल लेने में मदद करती हैं. आप किस तरह सुरक्षित रह सकते हैं, ये हम आपको यहां बता रहे हैं.
हैकर्स से कैसे रहें सुरक्षित:
Google Chrome को अपडेट रखना होगा. इसके लेटेस्ट वर्जन 124.0.6367.60 या बाद के वर्जन में अपडेट करना होगा. इस कमी के लिए Google ने पहले ही फिक्स और अपडेट जारी कर दिया है.
अगर आप कुछ सर्च करते-करते अविश्वसनीय वेबसाइट्स पर चले जाते हैं तो यह आपके लिए खतरा साबित हो सकता है. इस तरह की वेबसाइट्स आपको कोई कंटेंट डाउनलोड या स्ट्रीम करने के लिए कहते हैं. अगर आप ऐसा कर देते हैं तो यह आपके सिस्टम में मालिशस कोड डाल देता है और फिर आपके सिस्टम का कंट्रोल हासिल कर लेता है.
फिशिंग ईमेल और मैसेजेज में अक्सर ऐसे लिंक होते हैं जिन पर क्लिक करने से आप मालिशस वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं. इस तरह के लिंक्स पर बिना सोचे समझे क्लिक न करें.
पॉप-अप ब्लॉकर्स को हमेशा ऑन रखना चाहिए. क्योंकि ये आपके ब्राउजर में किसी मालिशस वेबसाइट पर नई विंडो या टैब खोलने से रोकने में मदद कर सकते हैं.
आपको हमेशा ब्राउजर के कैशे को क्लियर करते रहना चाहिए. इससे अगर कोई हानिकारक डाटा होगा तो वो भी रिमूव हो जाएगा.
आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके अकाउंट का पासवर्ड मजबूत, यूनीक होना चाहिए.