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India Daily

'AI नहीं सीखा तो नौकरी के बाजार में रह जाओगे पीछे', सोशल मीडिया पर घंटों लगे रहने वालों को इस CEO का संदेश

Perplexity AI के सीईओ अरविंद श्रीनिवास ने युवाओं को आगाह किया है कि यदि वे सोशल मीडिया पर समय बर्बाद करने की बजाय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सीखने पर ध्यान नहीं देंगे, तो भविष्य में वे नौकरी की दौड़ में पीछे छूट सकते हैं. उन्होंने कहा कि AI टूल्स का इस्तेमाल करने में पारंगत लोग आने वाले समय में ज्यादा नौकरियों के योग्य होंगे.

Kuldeep Sharma
Edited By: Kuldeep Sharma
Perplexity AI CEO Aravind Srinivas
Courtesy: web

आज की डिजिटल दुनिया में जहां इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म युवाओं का समय खा रहे हैं, वहीं Perplexity AI के सीईओ अरविंद श्रीनिवास ने एक जरूरी चेतावनी दी है. उन्होंने युवाओं से कहा है कि वे सोशल मीडिया की लत छोड़ें और AI जैसे भविष्य के टूल्स को सीखने में समय लगाएं, वरना आने वाले वर्षों में उन्हें पछताना पड़ सकता है.

अरविंद श्रीनिवास ने एक इंटरव्यू में कहा कि जो युवा आज AI सीखने से कतराते हैं, वे भविष्य की नौकरियों में मुश्किलों का सामना करेंगे. उन्होंने सीधे तौर पर कहा, “इंस्टाग्राम पर स्क्रॉलिंग में समय खराब करने की बजाय AI का इस्तेमाल करना सीखो.” श्रीनिवास के अनुसार, जो लोग इस तकनीक में दक्ष होंगे, वे कहीं अधिक नौकरी-योग्य माने जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि हर तीन से छह महीने में AI टूल्स तेजी से बदल रहे हैं और इससे लगातार नई स्किल सीखने का दबाव बना हुआ है.

AI से नौकरियां जाएंगी या बदलेंगी?

जहां कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि AI के कारण कई नौकरियां खत्म हो जाएंगी, वहीं श्रीनिवास का नजरिया थोड़ा अलग है. उनका मानना है कि AI से नई संभावनाएं भी खुलेंगी. उन्होंने कहा कि जिनकी नौकरियां जाएंगी, वे खुद AI का इस्तेमाल कर नई कंपनियां शुरू कर सकते हैं या फिर इन टूल्स को सीखकर नई जगहों पर काम कर सकते हैं. इस संदर्भ में उन्होंने Anthropic के सीईओ डारियो अमोडेई का हवाला दिया, जिन्होंने कहा था कि आने वाले पांच वर्षों में 50% एंट्री-लेवल व्हाइट-कॉलर नौकरियां खत्म हो सकती हैं.

वहीं, एनवीडिया के सीईओ जेंसन हुआंग का मानना है कि AI नौकरियों को खत्म नहीं बल्कि बदल देगा, यानी रोल बदलेंगे, लेकिन इंसान की जरूरत बनी रहेगी.

भविष्य की भर्ती में AI की भूमिका

श्रीनिवास ने यह भी बताया कि भविष्य में AI रिक्रूटर्स की भूमिका भी निभा सकते हैं. उन्होंने कहा कि एक हफ्ते का रिक्रूटर का काम AI के एक अच्छे प्रॉम्प्ट से किया जा सकता है. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि AI खुद उम्मीदवारों से संपर्क कर सकता है, स्टेटस अपडेट कर सकता है, गूगल कैलेंडर से मीटिंग शेड्यूल कर सकता है और इंटरव्यू से पहले ब्रीफ भी दे सकता है, वो भी बिना बार-बार इंस्ट्रक्शन दिए.

Perplexity का AI टूल ‘Comet’ अभी सिर्फ पेड यूज़र्स के लिए है, लेकिन जल्द ही इसे फ्री यूज़र्स के लिए भी इनविटेशन के ज़रिए उपलब्ध कराया जाएगा. श्रीनिवास ने स्पष्ट किया कि ये टूल्स भविष्य में नौकरियों का स्वरूप बदल देंगे और जो इन्हें अपनाएंगे वही आगे बढ़ पाएंगे.