ऋषिकेश: ऋषिकेश के आबादी वाले क्षेत्रों में चल रहे वनभूमि सर्वे को लेकर पिछले दो दिनों से तनाव का माहौल बना हुआ है. रविवार को यह तनाव हिंसक रूप ले बैठा, जब गुस्साए स्थानीय लोगों ने मनसा देवी तिराहे पर हरिद्वार ऋषिकेश रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया. अचानक हुए इस विरोध के कारण कई ट्रेनें रास्ते में ही रुक गईं और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.
रेलवे ट्रैक जाम होने की सूचना मिलते ही पुलिस, जीआरपी और आरपीएफ के जवान मौके पर पहुंचे. करीब चार घंटे तक ट्रैक जाम रहा और पुलिस अधिकारियों ने लोगों को समझाने की कोशिश की. बातचीत के दौरान स्थिति बिगड़ गई और भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. अचानक हुई इस घटना से अफरा तफरी मच गई और जवानों को जान बचाकर पीछे हटना पड़ा.
पत्थरबाजी करने वाली भीड़ ने पुलिस को रेलवे ट्रैक से खदेड़ते हुए हरिद्वार ऋषिकेश हाईवे तक पहुंचा दिया. यहां भी कुछ लोगों ने जवानों पर पत्थर फेंके, जिसमें सीओ डॉ पूर्णिमा गर्ग समेत कई पुलिसकर्मी बाल बाल बचे. हालात को काबू में करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया और भीड़ को वापस ट्रैक की ओर खदेड़ा गया.
इस बवाल का असर रेल संचालन पर भी पड़ा. आधा दर्जन से ज्यादा एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें प्रभावित रहीं. चंदौसी ऋषिकेश पैसेंजर ट्रेन को हरिद्वार से ही वापस लौटा दिया गया. योग एक्सप्रेस और गंगानगर एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनें अलग अलग स्टेशनों पर खड़ी रहीं. ट्रेनों में बैठे यात्रियों में डर और बेचैनी का माहौल देखने को मिला.
करीब एक घंटे तक चली पत्थरबाजी में पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए. शाम करीब छह बजे एसएसपी अजय सिंह के मौके पर पहुंचने के बाद स्थिति धीरे धीरे सामान्य हुई. पुलिस ने सर्वे प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया और रेलवे ट्रैक तथा सड़कों से भीड़ हटाई गई. इसके बाद ट्रेनों और वाहनों की आवाजाही बहाल की गई.
पुलिस ने वनभूमि सर्वे के दौरान सड़क और ट्रैक जाम करने के आरोप में आठ लोगों को नामजद करते हुए कुल 218 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. वहीं एक महिला रेंजर ने सर्वे के दौरान मारपीट और अभद्रता का आरोप लगाते हुए अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि वे वर्षों से जिस जमीन पर रह रहे हैं, अचानक उसे वनभूमि बताकर नापजोख करना डर पैदा कर रहा है. बिना पूर्व सूचना के हुई इस कार्रवाई से लोगों में जमीन छिनने का भय है, जिसके चलते विरोध तेज हो गया है.