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तीन साल पुराने अंकिता भंडारी हत्याकांड में आया नया ट्विस्ट, पूर्व MLA और उर्मिला सनावर के खिलाफ FIR, जानें क्यों दोबारा भड़की चिंगारी?

उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्याकांड से जुड़ा मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे ऑडियो और वीडियो को लेकर पूर्व विधायक सुरेश राठौर और उर्मिला सनावर की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

Anuj
Edited By: Anuj
तीन साल पुराने अंकिता भंडारी हत्याकांड में आया नया ट्विस्ट, पूर्व MLA और उर्मिला सनावर के खिलाफ FIR, जानें क्यों दोबारा भड़की चिंगारी?

देहरादून: उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्याकांड से जुड़ा मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे ऑडियो और वीडियो को लेकर पूर्व विधायक सुरेश राठौर और उर्मिला सनावर की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दोनों के खिलाफ देहरादून और हरिद्वार के अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज की गई है. आरोप है कि इन ऑडियो-वीडियो को जानबूझकर सोशल मीडिया पर फैलाया गया, जिससे भाजपा नेता दुष्यंत कुमार गौतम की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके.

भाजपा नेता की छवि खराब करने का आरोप

हरिद्वार के बहादराबाद थाने में यह शिकायत डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने दर्ज कराई है, जो गौतम शिरोमणि गुरु रविदास शिव महापीठ और संत शिरोमणि गुरु रविदास अखाड़ा भारत से जुड़े पदाधिकारी हैं. शिकायत में बताया गया है कि दुष्यंत कुमार गौतम महापीठ के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष और अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. आरोप है कि वायरल ऑडियो-वीडियो में अंकिता भंडारी हत्याकांड का नाम जोड़कर उनकी सामाजिक और राजनीतिक छवि को खराब करने की कोशिश की गई.

'प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है'

शिकायत में यह भी कहा गया है कि इस तरह की भ्रामक और आपत्तिजनक सामग्री से न सिर्फ एक जनप्रतिनिधि की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है, बल्कि रविदासी समाज की भावनाएं भी आहत हुई हैं. इससे समाज में भ्रम और तनाव फैलने की आशंका जताई गई है.

देहरादून में भी दर्ज हुआ मामला

वहीं, देहरादून में पूर्व जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ ने नेहरू कॉलोनी थाने में सुरेश राठौर और उर्मिला सनावर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. आरती गौड़ का आरोप है कि सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो-वीडियो के जरिए जानबूझकर गलत जानकारी फैलाई गई और एक सोची-समझी राजनीतिक साजिश के तहत किसी की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई.

पुलिस ने शुरू की जांच

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, दोनों मामलों में संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है. वायरल ऑडियो-वीडियो की सच्चाई, उनका स्रोत और इन्हें फैलाने के पीछे की मंशा की जांच की जा रही है. जांच पूरी होने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

क्या था पूरा मामला

गौरतलब है कि अंकिता भंडारी पौड़ी जिले के एक रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करती थीं. 18 सितंबर 2022 को उनकी कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी. इस मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने उस समय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था.

अदालत ने इस मामले में रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, जो एक भाजपा नेता के बेटे हैं, और दो अन्य आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके बावजूद कांग्रेस इस मामले में सीबीआई जांच की मांग पर अड़ी हुई है और सरकार पर लगातार सवाल उठा रही है.