Kasganj Hadsa : यूपी के कासगंज में मैनपुरी-बदायूं हाईवे पर श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली सड़क किनारे तालाब में पलट गई. इस हादसे में अब तक 24 लोगों के मरने की सूचना है. इसके साथ कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हादसा दरियावगंज के पास गड़ैया की पुलिया पर हुआ है. ये सभी माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने जा रहे थे. घटना के तीन घंटे बाद भी 3 लोगों का अभी पता नहीं चल पाया है. गोताखोर लगातार उनको तालाब में खोज रहे हैं. घायलों को कासगंज के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
शनिवार की सुबह कसा गांव के सत्येंद्र के बेटे के मुंडन संस्कार के साथ ही गंगा स्नान के लिए गांव के लोग सुबह 8 बजे ट्रैक्टर-ट्रॉली से निकले थे. जानकारी के मुताबिक ट्रैक्टर-ट्रॉली पर 47 लोग सवार थे. इनमे महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. इसमें से ज्यादातर लोग कसा गांव के थे. वहीं, कुछ लोग खिरिया, रौरी और बनार गांव के भी थे.
ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार लोग गंगा मइया के जय बोलते और मंगलगीत गाते जा रहे थे. मैनपुरी-बंदायू हाईवे पर पहुंचने के बाद ट्रैक्टर-ट्रॉली लगभग दो किमी की आगे बढ़ी होगी कि गड़ैया पुलिया के पास ट्रैक्टर और ट्रॉली का संतुलन बिगड़ गया और ट्रॉली-ट्रैक्टर समेत सड़क के बाई ओर स्थित तालाब में पलट गई. इसमें 10 से अधिक लोग तो तालाब के किनारे ही गिर गए. ज्यादातर लोग ट्रॉली के नीचे दब गए. इसके बाद चीख-पुकार मच गई. चीख-पुकार सुनते ही स्थानीय ग्रामीण मदद को दौड़े.
करीब आधा घंटे के बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे. इसके बाद बचाव कार्य शुरू हो सका. जेसीबी से ट्रॉली को सीधा किया गया. तालाब में जाल डालने के साथ ही पुलिस, पीएसी और गोताखोर तालाब में उतरे. डूबे लोगों को तालाब से निकालकर एंबुलेंस से सीएचसी पटियाली भेजा गया. वहां से घायलों को जिला अस्पताल रिफर कर दिया गया. बचाव कार्य का सिलसिला दोपहर तक चलता रहा.
जिला अस्पताल भेजे गए गंभीर घायलों को पटियाली सीएचसी से सीधे अलीगढ़ रेफर कर दिया गया. वहीं, पोस्टमार्टम हाउस पुहंचे 22 शवों में 13 महिलाएं और 8 बच्चे व एक पुरुष है. अलीगढ़ रेफर किए गए गंभीर घायलों में दो बच्चों की मौत हो गई है. ऐसे कुल 24 लोगों की मौत हुई है. वहीं, 30 लोग घायल हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख व घायलों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि इस घटना में जो भी जिम्मेदार पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
घटना के प्रत्यक्षदर्शी साधु महावीर ने बताया कि 'मैंने जब चीखपुकार सुनी तो उस समय मैं अपनी मढ़ी में मौजूद था. घटनास्थल पर पहुंचा तो राहगीरों के साथ मिलकर ट्रॉली हटाई तो देखा कि कुछ लगों की ही सांसे चल रही थीं '. उन्होंने बताया कि दुर्घटना इतनी भयंकर थी कि हमारे हाथ पैर कांपने लगे थे.
अलीगढ़ रेंज के कमिश्नर शलभ माथुर ने बताया कि 'ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटकर 7 से 8 फुट गहरे तालाब में गिरने की घटना सामने आई है. उन्होंने बताया कि मौजूदा जांच में पता चला है कि चालक दूसरे वाहन से आगे निकलने की कोशिश कर रहा था, जिसके चलते यह हादसा हुआ है. हादसे में 7 बच्चों समेत कुल 24 लोगों की मौत हो गई है. लगभग 15 से 20 लोग घायल हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.'
मौत के मुंह से बाहर निकलीं रीना ने बताया कि ट्रैक्टर वाले एक-दूसरे से आगे निकलने की कोशिश कर रहे थे. ट्रॉली में हम 30 से 40 लोग थे. हम बेहोश हो गए. पेट में भी पानी भर गया था. हमको पता नहीं चला कि किसने हमें निकाला.
प्रत्यक्षदर्शी प्रवीण कुमार ने बताया कि तालाब से निकाले गए 25 लोगों में से 15 से 16 तो डेड बॉडी ही थीं. इन सभी को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया.
कासगंज हादसे पर प्रधानमंत्री ने भी शोक जताया है. इसके साथ ही पीएमएनआरएफ से 2 लाख मृतकों के परिजनों व 50 हजार रुपये घायलों को देने का ऐलान किया है.