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India Daily

नोएडा सेक्टर 62 स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल के सामने बने ओवरब्रिज की लिफ्ट में फंसे दो पत्रकार, नहीं था कोई गार्ड, हो सकता था बड़ा हादसा

इमरजेंसी नंबर पर संपर्क करने के बाद करीब 10 मिनट बाद दोनों को बाहर निकाला गया.  उन्होंने अपनी आपबीती साझा की और लिफ्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Two journalists stuck in the lift of Noida Sector 62 Fortis Hospital Over bridge DMRC

Noida: नोएडा के सेक्टर 62 में एक डरावना हादसा हुआ, जब दो पत्रकार एक खराब लिफ्ट में फंस गए. यह घटना उस समय हुई जब ये पत्रकार सेक्टर 62, फोर्टिस अस्पताल के पास वाले ओवरब्रिज पर लगी लिफ्ट नंबर 3 का इस्तेमाल कर रहे थे. करीब 10 मिनट तक लिफ्ट में फंसे रहे. इमरजेंसी नंबर पर संपर्क करने के बाद करीब 10 मिनट बाद दोनों को बाहर निकाला गया.  उन्होंने अपनी आपबीती साझा की और लिफ्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए.

इंडिया डेली में कार्यरत दो पत्रकार 2 जून सोमवार के दिन नोएडा सेक्टर 62 फोर्टिस हॉस्पिटल के पास वाले ओवरब्रिज की लिफ्ट में सवार हुए. अचानक लिफ्ट रुक गई और दोनों अंदर फंस गए. पत्रकारों ने बताया कि लिफ्ट के अंदर का माहौल इतना डरावना था कि उन्हें लगा कि शायद यह उनका आखिरी दिन है. लिफ्ट न तो ऊपर जा रही थी और न ही नीचे. चारों तरफ सन्नाटा था, और उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी थी.

सुरक्षा व्यवस्था की कमी

पत्रकारों ने बताया कि लिफ्ट के पास न कोई गार्ड मौजूद था और न ही कोई सुरक्षा उपकरण. इस दौरान उन्होंने लिफ्ट में लगे इमरजेंसी नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की. कई प्रयासों के बाद जब संपर्क हुआ, तब जाकर लिफ्ट को खोला गया और दोनों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. लेकिन इस घटना ने लिफ्ट की रखरखाव और सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए.

पत्रकारों ने उठाए सवाल

बाहर निकलने के बाद दोनों पत्रकारों ने अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि ऐसी लिफ्टों की नियमित जांच होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों. इसके अलावा, उन्होंने मांग की कि हर लिफ्ट के पास 24 घंटे एक गार्ड तैनात होना चाहिए, जो आपातकाल में तुरंत मदद कर सके. पत्रकारों ने यह भी बताया कि इस घटना ने उन्हें मानसिक रूप से झकझोर दिया, और अब वे लिफ्ट का इस्तेमाल करने से पहले दो बार सोचेंगे.

सुरक्षा को लेकर जागरूकता जरूरी

यह घटना नोएडा जैसे व्यस्त शहर में सार्वजनिक सुविधाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाती है. लिफ्ट जैसी सुविधाएं लोगों के लिए सुविधाजनक हैं, लेकिन अगर इनका रखरखाव ठीक न हो, तो यह जानलेवा भी हो सकती हैं. प्रशासन को चाहिए कि ऐसी घटनाओं से सबक लेते हुए तुरंत कदम उठाए जाएं और लिफ्टों की 

नियमित जांच और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए

इस घटना ने न केवल उन दो पत्रकारों को डराया, बल्कि यह हर उस व्यक्ति के लिए चेतावनी है जो रोजाना ऐसी सुविधाओं का इस्तेमाल करता है. प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारियों को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई और इस डरावने अनुभव से न गुजरे.