उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को एक अहम बयान देते हुए कहा कि किसी भी विवादित ढांचे को मस्जिद नहीं कहा जाना चाहिए. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसे संरचनाओं को मस्जिद के रूप में मान्यता देना गलत है और इससे लोगों की भावनाओं को आहत किया जाता है. उन्होंने कहा, "जिस दिन हम इस तरह के ढांचे को मस्जिद कहना बंद कर देंगे, लोग भी वहां जाना बंद कर देंगे."
इस्लाम के अनुसार विवादित जगह पर मस्जिद बनाना अनुचित
योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि इस्लाम के सिद्धांतों के अनुसार, किसी भी ऐसी जगह पर जहां किसी की आस्था को ठेस पहुंचाकर और एक मस्जिद या ढांचा खड़ा कर दिया गया हो वहां की जाने वाली किसी भी प्रकार की इबादत खुदा को मंजूर नहीं होती और जब मंजूर नहीं होती तो क्यों आप वहां कर रहे हैं. दूसरा इस्लाम में इबादत करने के लिए एक विशेष संरचना की आवश्यकता नहीं होती है, जबकि सनातन धर्म में पूजा के लिए मंदिर आवश्यक होते हैं. तो फिर उस हिसाब से भी आप जिद नहीं कर सकते.
BIG - हमे हर किसी विवादित ढांचे को मस्जिद कहने की आदत को बदलना होगा - CM योगी#Prayagraj pic.twitter.com/EPy7YbJhB1
— Abhishek Dwivedi /अभिषेक द्विवेदी 🇮🇳 (@Dubeyjilive) January 10, 2025
मुख्यमंत्री ने अपने बयान में नए भारत की सोच की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हमें अब यह समझना चाहिए कि किसी विवादित ढांचे को मस्जिद कहना हमारी मानसिकता को पीछे धकेलता है. योगी आदित्यनाथ ने इस समय को आगे बढ़ने के लिए उपयुक्त बताया और ‘नए भारत’ की दिशा में सोचने का आह्वान किया.
यह एक ऐतिहासिक समय
मुख्यमंत्री ने रामलला की अयोध्या में स्थापना और महाकुंभ 2025 के आयोजन को भी विशेष रूप से रेखांकित किया. उन्होंने इसे भगवान की कृपा बताया और कहा कि यह ऐतिहासिक समय है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि महाकुंभ 2025 में 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की तस्वीर दिखेगी, जिसमें भारत के विभिन्न हिस्सों से साधु और भक्त एकत्र होंगे.
गंदगी और अव्यवस्था का प्रतीक था महाकुंभ
महाकुंभ के आयोजन के दौरान साफ-सफाई और प्रशासन के मुद्दे पर योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा, "हमने कभी यह नहीं कहा कि बीजेपी ने महाकुंभ के आयोजन से खुद को जोड़ा है. इससे पहले महाकुंभ गंदगी और अव्यवस्था का प्रतीक बन गया था, लेकिन 2017 के बाद इसकी स्थिति में सुधार आया है." उन्होंने महाकुंभ 2025 को एक भव्य आयोजन के रूप में पेश करते हुए कहा कि यह आयोजन अच्छे शासन, विश्वास और आधुनिकता का संगम होगा.
संगम के पानी की गुणवत्ता पर स्पष्टीकरण
संगम के पानी की गुणवत्ता को लेकर विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने खुद संगम के पानी में स्नान किया है और उसकी गुणवत्ता को जांचा है. उन्होंने यह भी दावा किया कि गंगा और यमुना में 10,300 क्यूसेक पानी का प्रवाह हो रहा है, जो स्वतंत्र भारत में पहले कभी नहीं हुआ. योगी आदित्यनाथ ने कहा, "यह पानी इतना साफ है कि आप बिना किसी हिचकिचाहट के इसमें स्नान कर सकते हैं और ‘आचमन’ भी कर सकते हैं."