Maulana Shahabuddin Razvi: इस्लाम धर्म का प्रमुख त्योहार ईद-उल-अजहा, जिसे आमतौर पर बकरीद कहा जाता है इस साल 7 जून को पूरे देश में मनाया जाएगा. इस त्योहार को लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में प्रशासन अलर्ट मोड पर है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने साफ कर दिया है कि त्योहार शांतिपूर्वक और नियमों के तहत मनाया जाना चाहिए. वहीं, इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने भी बकरीद को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें मुसलमानों से अपील की गई है कि वे कुर्बानी सिर्फ नियमों के तहत, साफ-सुथरी और तय जगहों पर ही करें.
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि बकरीद कोई नया त्योहार नहीं है, बल्कि 1450 साल पुरानी परंपरा है. हर साल की तरह इस बार भी 7 जून को कुर्बानी की जाएगी. उन्होंने कहा कि कुछ लोग — जैसे हैदराबाद के टी. राजा, मुंबई के नितेश राणे और गाजियाबाद के विधायक नंद किशोर गुर्जर इस त्योहार पर विवाद खड़ा करना चाहते हैं, लेकिन यह सोच साम्प्रदायिक मानसिकता को दर्शाती है.
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि जो मुसलमान कुर्बानी देने की हैसियत रखते हैं, उनके लिए यह वाजिब (अनिवार्य) है. कुर्बानी 7, 8 और 9 जून को की जा सकती है. यह केवल एक रस्म नहीं बल्कि हजरत इब्राहीम और उनके बेटे हजरत इस्माईल की सुन्नत है.
बकरीद की नमाज के बाद लोगों से अपील की गई है कि वे देश में अमन-चैन, अपने घर की खुशहाली और बॉर्डर पर तैनात फौजियों की सलामती के लिए दुआ करें. साथ ही देश में फैली भीषण गर्मी से राहत के लिए भी दुआ करने को कहा गया है.