Varanasi Lok Sabha Seat : देश में उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट सबसे हाई-प्रोफाइल सीट है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सीच से खुद तीसरी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं. आज वाराणसी सीट को जिस तरह से लोग देखते हैं वैसे कभी नेहरू की फूलपुर सीट देखा जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने के लिए लगातार तीसरी बार वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव मैदान पर उतरेंगे.
मोदी 2014 में पहली बार वाराणसी लोकसभा चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बने थे. 2014 में इस सीट से आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को और 2019 में सपा की शालिनी यादव को चुनाव हराया था. उत्तर प्रदेश में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी समाजवादी पार्टी ने वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सुरेंद्र सिंह पटेल को मैदान में उतारा है. हालांकि कांग्रेस ने अभी इस सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारा. कयास अजय राय को उतारने के बारे में लगाए जा रहे हैं.
वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में 5 विधानसभा सीटें आती हैं. ये रोहणिया, वाराणसी उत्तरी, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी छावनी और सेवापुरी हैं. देश के पहले आम चुनाव में वाराणसी जिले में लोकसभा की 3 सीटें थी. इनमें बनारस मध्य, बनारस पूर्व और बनारस-मिर्जापुर सीट थी. वाराणसी लोकसभा सीट 1957 में अस्तितिव में आई और पहले चुनाव में यहां कांग्रेस के रघुनाथ सिंह जीते. वाराणसी सीट का राजनीतिक महत्व 2024 के बाद काफी बढ़ गया है, जब नरेंद्र मोदी यहां से लोकसभा चुनाव लड़े. 2014 से पहले 2009 में भी इस सीट से भाजपा के मुरली मनोहर जोशी जीते थे.
पहले आम चुनाव में वाराणसी से कांग्रेस के रघुनाथ सिंह ने सोशलिस्ट पार्टी के विश्वनाथ शर्मा को चुनाव हराया था. 16 लोकसभा चुनावों में वाराणसी सीट से 7 बार कांग्रेस और 6 बार बीजेपी जीती है. इसके एक-एक बार जनता दल और सीपीएम उम्मीदवार जीतने में सफल रहे हैं. वहीं, भारतीय लोकदल ने भी इस सीट पर 1 बार जीत हासिल की है जबकि, समाजवादी पार्टी और बसपा ने इस सीट पर अभी तक कभी भी जीत दर्ज नहीं की है.
वाराणसी लोकसभा सीट से कई दिग्गज नेता चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं. जाता नाम पीएम नरेंद्र मोदी हैं. इस सीट से पूर्व प्रधानमंत्री चंद्र शेखर भी चुनाव जीते थे. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी भी इस सीट चुनाव जीतने में सफल रहे थे. इस सीट से मुरली मनोहर जोशी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे अनिल शास्त्री चुनाव जीती थे.
वाराणसी लोकसभा सीट पर 75 फीसद हिंदू, 20फीसद मुस्लिम और 5 फीसद अन्य वोटर हैं. यहां कुल मतदाताओं में करीब 65 फीसद शहरी और 35 फीसद ग्रामीण वोटर हैं. यहां रोहणिया, वाराणसी उत्तरी, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी छावनी और सेवापुरी हैं विधानसभा सीटें हैं. वाराणसी के जातीय समीकरणों की बात करें तो यहां कुर्मी समाज के मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. रोहनिया और सेवापुरी में कुर्मी मतदाता काफी संख्या में हैं. इसके अलावा ब्राह्मण और भूमिहार वोटर्स की खासी तादाद है. वाराणसी के लिए वैश्य, यादव और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी जीत के लिए निर्णायक साबित होती है.
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में सपा ने सुरेंद्र सिंह पटेल को सेवापुरी विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था. उस समय सुरेंद्र पटेल ने पीएम मोदी को चुनौती दी थी कि अगर वे सेवापुरी से खड़े हुए तो उन्हें हरा देंगे. तभी भाजपा के नीलरतन सिंह पटेल ने उन्हें 22,531 वोटों के मार्जिन से हराया था. अब सपा ने उनको सीधे पीएम मोदी के सामने लोकसभा चुनाव में खड़ा कर दिया है. सुरेंद्र सिंह पटेल करीब चार दशक से अधिक समय से राजनीति में सक्रिय हैं.
वह वाराणसी के रोहनिया विधानसभा के राजातालाब के रहने वाले हैं. मूल रूप से खेती से जुड़े सुरेंद्र पटेल को पटेल समुदाय के वोट बैंक के बीच लोकप्रिय माना जाता रहा है. सुरेंद्र पटेल दो बार समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.सपा से पहले वह बहुजन समाज पार्टी की सरकार में भी स्वतंत्र प्रभार मंत्री रह चुके हैं.