Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात मेडिकल कॉलेज में लापरवाही का एक मामला सामने आया है, जहां एक 25 वर्षीय मरीज की मौत हो गई. उसे बिना देखभाल के छोड़ दिया गया और उसका शव लगभग 11 घंटे तक अस्पताल के बिस्तर पर पड़ा रहा.
अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, सुंदर नाम के इस व्यक्ति को शनिवार दोपहर लगभग 1:15 बजे अज्ञात लोग कॉलेज के आपातकालीन वार्ड में लाए थे. वह बेहोश था और बोल नहीं पा रहा था. डॉक्टरों ने उसे भर्ती किया और देखा कि उसे लगातार उल्टियां हो रही थीं. उसकी हालत गंभीर थी और उसे आगे के इलाज के लिए कानपुर के हैलेट अस्पताल रेफर कर दिया गया.
हालांकि, मरीज की देखभाल के लिए कोई मौजूद नहीं होने पर अस्पताल के कर्मचारियों ने स्थानीय पुलिस स्टेशन को सूचित किया और एक सुरक्षा गार्ड से मरीज को ले जाने का अनुरोध किया. अधिकारियों का दावा है कि कोई भी गार्ड नहीं आया, जिससे मरीज अकेला रह गया. जैसे-जैसे कई घंटे बीतते गए, उसे न तो स्थानांतरित किया गया और न ही पर्याप्त देखभाल की गई, सुंदर की हालत बिगड़ती गई और रात लगभग 11 बजे उसकी मौत हो गई.
प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि उसकी मौत के बाद, अस्पताल के कर्मचारियों ने शव को वार्ड में ही छोड़ दिया. रात भर सड़ते हुए शव की दुर्गंध के कारण अन्य मरीजो को कमरा छोड़ना पड़ा. रविवार सुबह जब अन्य मरीजो के तीमारदारों ने शोर मचाया, तब स्थिति का पता चला.
कानपुर देहात के जिला मजिस्ट्रेट ने घटना की जानकारी मिलने पर अस्पताल का दौरा किया, इस चूक पर नाराजगी जताई और जांच के आदेश दिए. उन्होंने अस्पताल को शव को तुरंत हटाने का निर्देश दिया. सुबह लगभग 9 बजे, एक आउटसोर्स स्वीपर द्वारा शव को शवगृह में स्थानांतरित किया गया.
पुलिस का दावा है कि उन्होंने एक गार्ड भेजा था, लेकिन अस्पताल में कोई एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं थी, जबकि चिकित्सा कर्मचारी जोर देकर कह रहे हैं कि सुरक्षा व्यवस्था के अभाव में वे मरीज को स्थानांतरित नहीं कर पाए. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सज्जन लाल वर्मा ने आंतरिक जांच की पुष्टि की है. जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एके सिंह ने वार्ड का निरीक्षण किया.
इस घटना से अस्पताल के कर्मचारियों की उदासीनता और लावारिस मरीजो की देखभाल में व्यवस्थागत विफलताओं को लेकर आक्रोश फैल गया है. अस्पताल प्रशासन और पुलिस के बीच समन्वय की कमी को लेकर सवाल उठ रहे हैं, तथा यह भी सवाल उठ रहे हैं कि आपातकालीन देखभाल प्रदान करने के लिए बनी सरकारी चिकित्सा सुविधा में ऐसी लापरवाही कैसे हो सकती है.