उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी और उमस के कारण बिजली की मांग ने नया रिकॉर्ड बनाया. ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि 8 जून की रात को राज्य में इस साल की सबसे अधिक पीक मांग 30,161 मेगावाट दर्ज की गई. पिछले साल यह आंकड़ा 30,618 मेगावाट था, और इस साल इसके 32,000 मेगावाट को पार करने की संभावना है. लखनऊ में सोमवार को बिजली खपत 1,840 मेगावाट तक पहुंची. शर्मा ने दावा किया, “इस वृद्धि के बावजूद, राज्य की बिजली प्रबंधन प्रणाली ने बिना किसी व्यवधान के मांग को पूरा किया.”
निरंतर बिजली आपूर्ति की प्रतिबद्धता
लखनऊ में बिजली कटौती की शिकायतें
राजधानी के कई इलाकों जैसे नदरगंज, अमीनाबाद, काकोरी, रहीमाबाद, LDA कॉलोनी और कानपुर रोड में ABC केबल जलने, केबल खराबी, ट्रांसफार्मर तेल रिसाव और फीडर ब्रेकडाउन के कारण घंटों बिजली कटौती हुई. पकरी पुल (बंगला बाजार सबस्टेशन) के सेक्टर I में दोपहर 2:15 बजे ट्रांसफार्मर तेल रिसाव से 5:30 बजे तक बिजली गुल रही. शिवनगर खदरा में 630 KVA ट्रांसफार्मर की खराबी से 300 घर प्रभावित हुए, जबकि इस्माइलगंज के कामता क्षेत्र में 400 KVA ट्रांसफार्मर की वजह से भी यही स्थिति रही.
उत्तर प्रदेश सरकार बिजली आपूर्ति को लेकर सतर्क है, लेकिन तकनीकी खामियों ने जनता को परेशान किया है. शर्मा ने आश्वासन दिया, “सभी क्षेत्रों में निर्धारित शेड्यूल के अनुसार बिजली आपूर्ति जारी रहेगी. हमारे कर्मचारी बढ़ती मांग को संभालने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.”