लखनऊ: लखनऊ में सातवीं कक्षा की छात्रा के साथ एक मासूमियत भरी इंस्टाग्राम दोस्ती एक भयानक घटना में बदल गई. छात्रा को एक युवक ने मुलाकात के लिए बुलाया, लेकिन उसके दो साथियों के साथ मिलकर होटल में बंधक बनाकर कई दिनों तक दुष्कर्म किया.
घटना सरोजनीनगर थाना क्षेत्र की है. मां की शिकायत के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों विमल, शुभम और पियूष के खिलाफ पॉक्सो, गैंगरेप, अपहरण और एससी/एसटी एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज किया है.
पीड़िता की मां के अनुसार, उनकी बेटी की पहचान इंस्टाग्राम पर विमल नाम के युवक से हुई थी. कुछ समय बाद वह लगातार फोन कॉल्स करने लगा. उसने खुद को आगरा एक्सप्रेसवे के पास रहने वाला बताया और मुलाकात के लिए बुलाया. 10 अक्टूबर की रात करीब 10 बजे छात्रा घर से निकली. मां उस वक्त फैक्ट्री में काम कर रही थीं. बच्ची ने अपने फोन पर बताया कि वह किसी दोस्त से मिलने जा रही है, तब तक सब कुछ सामान्य लग रहा था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विमल अपने दो दोस्तों शुभम और पियूष के साथ स्कॉर्पियो गाड़ी में पहुंचा. तीनों ने लड़की को होटल ले जाकर बंधक बना लिया और बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया. आरोपियों ने इसे कई दिनों तक जारी रखा. घटना के दौरान उन्होंने दुष्कर्म का वीडियो भी बनाया और धमकी दी कि अगर उसने विरोध किया या किसी को बताया तो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर देंगे.
आरोपियों ने लड़की का फोन छीन लिया ताकि वह किसी को सूचित न कर सके. धमकियों और डर के कारण नाबालिग कई दिनों तक बंधक बनी रही. 14 अक्टूबर की रात तीनों आरोपी उसे घर के पास छोड़कर फरार हो गए. इस दौरान लड़की ने मां को घटना की पूरी जानकारी दी. मां की आंखों के सामने विश्वासघात और डर की कहानी उजागर हुई, जिसने परिवार को झकझोर दिया.
मां ने घटना की जानकारी मिलते ही सरोजनीनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई. इंस्पेक्टर राजदेव प्रजापति ने बताया कि विमल, शुभम और पियूष के खिलाफ गैंगरेप, अपहरण, बंधक बनाने, पॉक्सो एक्ट और एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने दो आरोपियों को हिरासत में ले लिया है, जबकि एक अभी फरार है. जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि आरोपी किस तरह से जुड़े थे और क्या कोई बड़ा नेटवर्क इसमें शामिल था.
यह घटना सोशल मीडिया पर बच्चों की सुरक्षा के गंभीर खतरे को फिर से उजागर करती है. पुलिस ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखें. साइबर सेल मामले की डिजिटल जांच कर रही है. पुलिस ने कहा कि बच्चों को सोशल मीडिया के खतरों से अवगत कराना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना समय की जरूरत है.