Jaguar Old Plane Crash: राजस्थान के चूरू जिले में बुधवार दोपहर एक बार फिर भारतीय वायुसेना का जगुआर ट्रेनर विमान क्रैश हो गया. यह हादसा भानोदा गांव के पास खेतों में करीब 1:25 बजे हुआ. भारतीय वायुसेना ने जानकारी दी कि यह विमान एक नियमित प्रशिक्षण मिशन पर था, लेकिन दुर्घटनाग्रस्त हो गया और इसमें सवार दोनों पायलटों की मौके पर ही मौत हो गई.
IAF ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, 'एक IAF जगुआर ट्रेनर विमान आज राजस्थान के चूरू के पास नियमित प्रशिक्षण मिशन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. दोनों पायलटों की इस दुर्घटना में जान चली गई. किसी भी नागरिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा है.' वायुसेना ने घटना पर गहरा शोक जताया है और मामले की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित कर दी गई है.
An IAF Jaguar Trainer aircraft met with an accident during a routine training mission and crashed near Churu in Rajasthan, today. Both pilots sustained fatal injuries in the accident. No damage to any civil property has been reported.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) July 9, 2025
IAF deeply regrets the loss of lives and…
गौर करने वाली बात यह है कि यह इस वर्ष जगुआर विमान की तीसरी दुर्घटना है. 7 मार्च को अंबाला के पास एक जैगुआर ग्राउंड अटैक फाइटर विमान नियमित उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. 3 अप्रैल को गुजरात के जामनगर में एक और जगुआर क्रैश हुआ था जिसमें फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव शहीद हो गए थे. उन्होंने विमान को घनी आबादी से दूर ले जाकर कई जिंदगियों को बचाया, लेकिन खुद की जान गंवा दी.
जगुआर विमानों को 1979 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था. यह ट्विन-इंजन फाइटर बॉम्बर विमान भारत की न्यूक्लियर ट्रायड का अहम हिस्सा हैं. हालांकि, आज दुनिया में केवल भारत ही इन लो-फ्लाइंग लड़ाकू विमानों का संचालन कर रहा है. फ्रांस और ब्रिटेन की कंपनियों के संयुक्त उपक्रम SEPECAT द्वारा विकसित इन विमानों को HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) द्वारा भारत में बनाया गया था. ब्रिटेन, फ्रांस, नाइजीरिया, इक्वाडोर और ओमान जैसे देशों ने पहले ही अपने बेड़े से जगुआर विमानों को हटा दिया है.
IAF 2027-28 से पुराने जगुआर विमानों को फेज आउट करने की तैयारी कर रहा है. लेकिन HAL Tejas Mk2, राफेल और MRFA जैसे विमानों की खरीद में हो रही देरी के चलते IAF के पास इन पुराने विमानों को सेवा में बनाए रखने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है. वर्तमान में IAF के पास केवल 30 फाइटर स्क्वाड्रन हैं, जबकि स्वीकृत संख्या 42.5 है. कई पुराने हादसों में जगुआर के इंजन फेल्योर की वजह सामने आई है, जो दर्शाता है कि ये विमान अब अपनी उम्र पूरी कर चुके हैं.