पंजाब ने राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) 2024 में देश में प्रथम स्थान हासिल कर ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है. इस गौरवपूर्ण क्षण को सेलिब्रेट करने के लिए रविवार को संगरूर में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने एक भव्य राज्य स्तरीय समारोह आयोजित किया. समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए 'आप' के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस उपलब्धि का श्रेय पंजाब के शिक्षकों और प्रिंसिपलों को दिया. उन्होंने कहा कि यह शिक्षकों की मेहनत और समर्पण का नतीजा है कि पंजाब शिक्षा के क्षेत्र में शीर्ष पर पहुंचा है. इस अवसर पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और 'आप' के पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया भी उपस्थित थे.
शिक्षा क्रांति का प्रतीक: एनएएस 2024 में पंजाब का पहला स्थान
2017 में राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में पंजाब 29वें स्थान पर था. मात्र सात वर्षों में 'आप' सरकार के नेतृत्व में पंजाब ने सभी श्रेणियों में शीर्ष स्थान हासिल किया. अरविंद केजरीवाल ने कहा, "नैस (एनएएस) 2024 के सर्वे में पंजाब नंबर वन पर आया है. इसके लिए सभी को बधाई. यह सब प्रिंसिपल और टीचर की कड़ी मेहनत की वजह से हुआ है." उन्होंने बताया कि 2022 में 'आप' सरकार के सत्ता में आने के बाद शिक्षा को प्राथमिकता दी गई. शिक्षकों को बेहतर माहौल, बुनियादी ढांचा, और विदेशों में प्रशिक्षण के अवसर प्रदान किए गए, जिसके परिणामस्वरूप सरकारी स्कूलों के छात्रों ने नीट में 850, जेईई मेन्स में 250, और जेईई एडवांस में 44 सीटें हासिल कीं.
केजरीवाल ने जोर देकर कहा कि यह उपलब्धि केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है. पंजाब के सरकारी स्कूलों के बच्चों में आत्मविश्वास का नया जोश देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा, "अब पंजाब के लोग कह रहे हैं कि नशे के खिलाफ काम हो रहा है और शिक्षा में क्रांति हो रही है.
'आप' सरकार के तीन बड़े लक्ष्य
अरविंद केजरीवाल ने समारोह में 'आप' सरकार के तीन प्रमुख लक्ष्यों को रेखांकित किया. पहला, नशे को खत्म करना और बच्चों को नशे की लत से बचाना. दूसरा, प्रत्येक बच्चे को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करना. तीसरा, हर बच्चे के लिए रोजगार या स्वरोजगार के अवसर सुनिश्चित करना. उन्होंने कहा, "पहला, नशा खत्म करना है. इसके लिए पूरे पंजाब के अंदर नशे के खिलाफ युद्ध चल रहा है. जो बड़े-बड़े मंत्री थे, उनको भी नहीं बख्शा जा रहा है. 17-18 हजार नशा तस्करों को जेल में डाला जा चुका है."
दूसरे लक्ष्य के तहत, 'आप' सरकार ने सरकारी स्कूलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया. स्कूलों में बाउंड्री वॉल, स्वच्छता, पीने का पानी, और शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण जैसे कई कदम उठाए गए. तीसरे लक्ष्य के तहत, बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम शुरू किया गया ताकि बच्चे स्कूल से निकलने के बाद आत्मनिर्भर बन सकें. केजरीवाल ने कहा, "ऐसी शिक्षा का कोई फायदा नहीं, जिसका सर्टिफिकेट लेकर बच्चा न्यूनतम नौकरी के लिए भटकता रहे. हमें प्रैक्टिकल शिक्षा देनी है."
शिक्षकों की मेहनत और सरकार का सहयोग
केजरीवाल ने पिछली सरकारों पर शिक्षकों के शोषण का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "पिछली सरकारों ने टीचरों को उनका अधिकार नहीं दिया, इसलिए टीचर धरने पर बैठे रहते थे. जबकि टीचर बच्चों को पढ़ाना चाहते थे." 'आप' सरकार ने शिक्षकों को सम्मान और बेहतर कार्य वातावरण प्रदान किया. उन्होंने कहा, "2022 से पहले कांग्रेस, अकाली की सरकार रही, लेकिन किसी सरकार में शिक्षकों को अपने मुख्यमंत्री या मंत्री के साथ आमने-सामने बैठ कर बात करने का मौका नहीं मिला था.
'आप' सरकार के तीन साल में सरकारी स्कूलों के परिणामों में जबरदस्त सुधार देखने को मिला. केजरीवाल ने दिल्ली का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी शिक्षकों ने उसी तरह का करिश्मा किया था. "हमने कोई टीचर नहीं बदले हैं, 20-30 साल से यही टीचर बच्चों को पढ़ा रहे हैं. टीचरों का कसूर नहीं था, कसूर पिछली सरकारों का था, जिन्होंने टीचरों का शोषण किया," उन्होंने जोर देकर कहा.
बच्चों में आत्मविश्वास की नई लहर
केजरीवाल ने बताया कि सरकारी स्कूलों के बच्चों में अब आत्मविश्वास की नई लहर देखने को मिल रही है. उन्होंने 2017 में दिल्ली के एक सरकारी स्कूल की घटना का जिक्र किया, जहां एक बच्चे ने कहा था कि देश का भविष्य प्राइवेट स्कूलों के बच्चे हैं. तीन साल बाद उसी स्कूल में उसी बच्चे ने आतश्चर्यजनक आत्मविश्वास के साथ कहा, "अब मुझे लगता है कि मैं भी देश का भविष्य हूं." पंजाब में भी यही बदलाव देखने को मिल रहा है. बच्चे अब बिजनेस आइडियाज पर काम कर रहे हैं और बड़े उद्योगपतियों के सामने 11वीं और 12वीं के छात्र आत्मविश्वास के साथ प्रेजेंटेशन दे रहे हैं.
नशे के खिलाफ युद्ध और शिक्षा में क्रांति
'आप' सरकार ने नशे के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. केजरीवाल ने कहा कि नशा तस्करों के घर बुलडोजर से गिराए जा रहे हैं और हजारों तस्करों को जेल में डाला गया है. "नशे के खिलाफ 'आप' की सरकार जो राजनीति इच्छा शक्ति दिखा रही है, वैसी राजनीतिक इच्छा शक्ति आजतक किसी सरकार ने नहीं दिखाई," उन्होंने कहा. इसके साथ ही, स्कूलों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे बच्चों को नशे की लत से बचाएं और अगर कोई बच्चा नशे में फंस जाए तो उसे बाहर निकालें.
भगवंत मान: शिक्षा क्रांति का नेतृत्व
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, "राज्य सरकार का हर कदम आम आदमी की भलाई के लिए है, इस नेक कार्य में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी." उन्होंने बताया कि 2017 में पंजाब 29वें स्थान पर था, लेकिन 'आप' सरकार के ठोस प्रयासों के कारण आज यह पहले स्थान पर है. शिक्षकों को राष्ट्र निर्माता बताते हुए उन्होंने कहा कि उनकी मेहनत ने पंजाब को शीर्ष पर पहुंचाया.
मान ने शिक्षकों से अपील की कि वे बच्चों को पंजाब की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जोड़ें. "यह समय की जरूरत है कि विद्यार्थी अपनी जड़ों से जुड़े रहें और जीवन में ऊंचाइयों को छुएं," उन्होंने कहा. सरकार ने स्कूलों में पेरेंट्स-टीचर्स मीटिंग्स शुरू की हैं, जो पहले केवल निजी स्कूलों तक सीमित थीं. यह कदम बच्चों और अभिभावकों के बीच बेहतर संवाद स्थापित करने में मदद कर रहा है.
मनीष सिसोदिया: शिक्षक हैं असली पायलट
'आप' के पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया ने कहा, "हम आज यह जश्न नहीं मना रहे कि राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) में पंजाब नंबर वन आ गया है. भारत सरकार, जो विपक्षी दलों की सरकारों को कभी कुछ नहीं मानती, उसे भी मानना पड़ा कि पंजाब नंबर वन है." उन्होंने शिक्षकों को पायलट की संज्ञा दी, जो बच्चों को बचपन से एक अच्छे नागरिक के रूप में तैयार करते हैं. "पंजाब सरकार और 'आप' ग्राउंड स्टाफ हैं, लेकिन असली पायलट शिक्षक हैं.
पंजाब ने राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) 2024 में देश में प्रथम स्थान हासिल कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है. इस उपलब्धि का उत्सव मनाने के लिए रविवार को संगरूर में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने एक भव्य राज्य-स्तरीय समारोह आयोजित किया. समारोह के मुख्य अतिथि ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस उपलब्धि का श्रेय पंजाब के शिक्षकों और प्रिंसिपलों को देते हुए कहा कि उनकी कड़ी मेहनत ने पंजाब को शिक्षा के क्षेत्र में शीर्ष पर पहुंचाया. इस अवसर पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और ‘आप’ के पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया भी मौजूद थे.
एनएएस 2024: पंजाब का गौरवमयी प्रदर्शन
2017 में राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में पंजाब 29वें स्थान पर था. सात वर्षों में ‘आप’ सरकार के नेतृत्व में पंजाब ने सभी श्रेणियों में पहला स्थान हासिल किया. अरविंद केजरीवाल ने कहा, “नैस (एनएएस) 2024 के सर्वे में पंजाब नंबर वन पर आया है. इसके लिए सभी को बधाई. यह सब प्रिंसिपल और टीचर की कड़ी मेहनत की वजह से हुआ है.” उन्होंने बताया कि 2022 में सत्ता में आने के बाद ‘आप’ सरकार ने शिक्षा को प्राथमिकता दी. शिक्षकों को बेहतर माहौल, उन्नत बुनियादी ढांचा, और विदेशों में प्रशिक्षण के अवसर प्रदान किए गए. इसके परिणामस्वरूप सरकारी स्कूलों के छात्रों ने नीट में 850, जेईई मेन्स में 250, और जेईई एडवांस में 44 सीटें हासिल कीं.
केजरीवाल ने कहा, “यह सच्चाई है कि ‘आप’ की पंजाब सरकार ने टीचरों को अच्छा माहौल दिया है. पहले ऐसा माहौल नहीं था.” उन्होंने शिक्षकों की मेहनत को सराहते हुए कहा कि यह उपलब्धि केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बच्चों के आत्मविश्वास में आए बदलाव को दर्शाती है. “अब पंजाब के लोग कह रहे हैं कि नशे के खिलाफ काम हो रहा है और शिक्षा में क्रांति हो रही है,” उन्होंने जोर दिया.
‘आप’ सरकार के तीन प्रमुख लक्ष्य
अरविंद केजरीवाल ने ‘आप’ सरकार के तीन मुख्य लक्ष्यों को रेखांकित किया:
1. *नशे का खात्मा और रोकथाम*: “पहला, नशा खत्म करना है. इसके लिए पूरे पंजाब के अंदर नशे के खिलाफ युद्ध चल रहा है. जो बड़े-बड़े मंत्री थे, उनको भी नहीं बख्शा जा रहा है. 17-18 हजार नशा तस्करों को जेल में डाला जा चुका है.”
2. *उच्च गुणवत्ता की शिक्षा*: प्रत्येक बच्चे को बेहतरीन शिक्षा प्रदान करना.
3. *रोजगार और स्वरोजगार*: हर बच्चे के लिए नौकरी या बिजनेस के अवसर सुनिश्चित करना.
उन्होंने कहा, “ऐसी शिक्षा का कोई फायदा नहीं, जिसका सर्टिफिकेट लेकर बच्चा नौकरी के लिए भटकता रहे. हमें प्रैक्टिकल शिक्षा देनी है.” इसके लिए बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम शुरू किया गया, जो बच्चों को आत्मनिर्भर बनने में मदद करता है.
शिक्षकों का सम्मान और सशक्तिकरण
केजरीवाल ने पिछली सरकारों पर शिक्षकों के शोषण का आरोप लगाया. “2022 से पहले कांग्रेस, अकाली की सरकार रही, लेकिन किसी सरकार में शिक्षकों को अपने मुख्यमंत्री या मंत्री के साथ आमने-सामने बैठ कर बात करने का मौका नहीं मिला था.” उन्होंने बताया कि पहले शिक्षक अपनी मांगों के लिए पानी की टंकियों पर चढ़ते थे, लेकिन ‘आप’ सरकार ने उन्हें सम्मान और बेहतर कार्य वातावरण दिया. “हमने कोई टीचर नहीं बदले हैं, 20-30 साल से यही टीचर बच्चों को पढ़ा रहे हैं. टीचरों का कसूर नहीं था, कसूर पिछली सरकारों का था, जिन्होंने टीचरों का शोषण किया.”
‘आप’ सरकार के तीन साल में सरकारी स्कूलों के परिणामों में अभूतपूर्व सुधार हुआ. दिल्ली का उदाहरण देते हुए केजरीवाल ने कहा कि वहां भी शिक्षकों ने ऐसा ही करिश्मा किया था. “पंजाब के सरकारी स्कूलों के बच्चों में गजब का आत्मविश्वास आ गया है.”
बच्चों में आत्मविश्वास की नई लहर
केजरीवाल ने दिल्ली के एक अनुभव का जिक्र किया, जहां 2017 में एक सरकारी स्कूल के बच्चे ने कहा था कि देश का भविष्य प्राइवेट स्कूलों के बच्चे हैं. तीन साल बाद उसी बच्चे ने आत्मविश्वास के साथ कहा, “अब मुझे लगता है कि मैं भी देश का भविष्य हूं.” पंजाब में भी यही बदलाव देखने को मिल रहा है. बच्चे अब बिजनेस आइडियाज पर काम कर रहे हैं और बड़े उद्योगपतियों के सामने 11वीं-12वीं के छात्र आत्मविश्वास से प्रेजेंटेशन दे रहे हैं.
नशे के खिलाफ युद्ध
‘आप’ सरकार ने नशे के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. “नशे के खिलाफ ‘आप’ की सरकार जो राजनीति इच्छा शक्ति दिखा रही है, वैसी आजतक किसी सरकार ने नहीं दिखाई,” केजरीवाल ने कहा. नशा तस्करों के घर बुलडोजर से गिराए जा रहे हैं और हजारों तस्कर जेल में हैं. स्कूलों को बच्चों को नशे से बचाने और फंसे हुए बच्चों को बाहर निकालने की जिम्मेदारी दी गई है.
भगवंत मान: शिक्षा क्रांति का नेतृत्व
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “राज्य सरकार का हर कदम आम आदमी की भलाई के लिए है, इस नेक कार्य में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी.” उन्होंने शिक्षकों को राष्ट्र निर्माता बताते हुए उनकी मेहनत की सराहना की. “2017 में पंजाब 29वें स्थान पर था, आज पहले स्थान पर है.”
मान ने शिक्षकों से बच्चों को पंजाब की सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने की अपील की. “विद्यार्थी अपनी जड़ों से जुड़े रहें और ऊंचाइयों को छुएं.” सरकार ने सरकारी स्कूलों में पेरेंट्स-टीचर्स मीटिंग्स शुरू की हैं, जो बच्चों और अभिभावकों के बीच संवाद को बढ़ावा दे रही हैं.
मनीष सिसोदिया: शिक्षक हैं असली पायलट
मनीष सिसोदिया ने कहा, “हम यह जश्न नहीं मना रहे कि पंजाब एनएएस में नंबर वन आ गया है. भारत सरकार को भी मानना पड़ा कि पंजाब नंबर वन है.” उन्होंने शिक्षकों को पायलट की संज्ञा दी, जो बच्चों को अच्छे नागरिक के रूप में तैयार करते हैं. “पंजाब सरकार और ‘आप’ ग्राउंड स्टाफ हैं, लेकिन असली पायलट शिक्षक हैं.”
उन्होंने कहा कि नंबर वन बनना आसान नहीं है. “किसी एक बच्चे को नंबर वन बनाना आसान है, लेकिन पूरे पंजाब के सरकारी स्कूलों को नंबर वन बनाना शिक्षकों की मेहनत का नतीजा है.” उन्होंने जोर दिया कि शिक्षा की असली चुनौती टॉपर और औसत बच्चों के बीच की दूरी को कम करना है. “पंजाब के स्कूलों का नंबर वन होना इस बात से तय हो रहा है कि 24 लाखवां बच्चा भी ऊपर उठ रहा है.”
डॉ. कश्मीर सिंह सोहल को श्रद्धांजलि
समारोह से पहले, केजरीवाल तरन तारन के दिवंगत ‘आप’ विधायक डॉ. कश्मीर सिंह सोहल के भोग और अंतिम अरदास में शामिल हुए. उन्होंने इसे पार्टी और राज्य के लिए बड़ी क्षति बताया. “वह एक प्रमुख समाजसेवी थे, जो हमेशा आम लोगों की सेवा के लिए तत्पर रहते थे.” भगवंत मान ने कहा, “डॉ. सोहल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक संस्था थे. उनका असमय निधन अपूरणीय क्षति है.” उन्होंने उनके सपनों को साकार करने की प्रतिबद्धता जताई.