Punjab government department merger: पंजाब सरकार ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने घोषणा की है कि वित्त विभाग ने राज्य सरकार के अंतर्गत कुछ छोटे और परस्पर जुड़े विभागों के विलय की रणनीति तैयार की है. इस पहल का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाना, संसाधनों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करना और निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी लाना है. यह कदम न केवल शासन व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाएगा, बल्कि राज्य को वित्तीय बचत भी प्रदान करेगा.
वित्त मंत्री ने बताया कि विभिन्न निदेशालयों के विलय का निर्णय पंजाब मंत्रिमंडल ने स्वीकार कर लिया है. इस कदम से न केवल कार्यप्रणाली में सुधार होगा, बल्कि विभागों की कार्यक्षमता और प्रभावशीलता में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी. वित्त मंत्री ने कहा, "आपस में मिलती-जुलती कार्यप्रणाली वाले विभागों को एक साथ लाकर, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार निर्णय लेने और क्रियान्वयन की गति में वृद्धि की आशा कर रही है. इससे पंजाब के नागरिकों को अधिक
विलय से प्रशासनिक दक्षता में सुधार
इस पुनर्गठन से सरकार को हर साल करीब 2.64 करोड़ रुपये की बचत होने की संभावना है. यह वित्तीय अनुशासन और संसाधनों के बेहतर प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
कौन-कौन से विभाग होंगे एकीकृत?
पंजाब मंत्रिमंडल ने वित्त विभाग के अंदर आने वाले कई निदेशालयों के विलय को मंजूरी दी है. इनमें निदेशालय, बैंकिंग, लॉटरी, वित्तीय संसाधन एवं आर्थिक खुफिया, लघु बचत और सार्वजनिक उद्यम विभाग शामिल हैं. इन विभागों का एकीकरण शासन व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने में सहायक होगा. इस कदम से न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाएं सरल होंगी, बल्कि विभागों के बीच समन्वय भी बढ़ेगा, जिससे नीति निर्माण और कार्यान्वयन में तेजी आएगी.
पंजाब के लिए एक नई दिशा
यह पुनर्गठन पंजाब सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें वह नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ वित्तीय संसाधनों का कुशल उपयोग सुनिश्चित करना चाहती है. वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इस कदम को एक ऐतिहासिक निर्णय बताते हुए कहा कि यह पंजाब के प्रशासनिक ढांचे को और अधिक चुस्त और पारदर्शी बनाएगा.