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पंजाब की AAP सरकार ने रचा इतिहास: रिकॉर्ड 30 दिनों में किसानों को 20,000 प्रति एकड़ दिया मुआवजा

11 सितंबर को विशेष गिरदावरी की घोषणा के साथ 45 दिनों का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन AAP सरकार ने 30वें दिन ही मुआवजा वितरण शुरू कर दिया.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Punjab government gave compensation of Rs 20,000 per acre to farmers in 30 days
Courtesy: AAP

पंजाब में जब बाढ़ ने लाखों एकड़ फसलों और खेतों को तबाह किया, तब आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने किसानों और प्रभावित परिवारों के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए. मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार ने न केवल त्वरित कार्रवाई की, बल्कि 30 दिनों के रिकॉर्ड समय में ₹20,000 प्रति एकड़ मुआवजा वितरित कर इतिहास रच दिया. यह पंजाब का सबसे तेज और सबसे बड़ा राहत अभियान है, जो सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

त्वरित गिरदावरी और मुआवजा वितरण

11 सितंबर को विशेष गिरदावरी की घोषणा के साथ 45 दिनों का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन AAP सरकार ने 30वें दिन ही मुआवजा वितरण शुरू कर दिया. 2,508 गांवों में 3.5 लाख एकड़ खेती योग्य जमीन को नुकसान पहुंचा, लेकिन सरकार ने बिना देरी किए किसानों को राहत दी. केंद्र से सहायता न मिलने के बावजूद, ₹13,200 अतिरिक्त मुआवजा राज्य के संसाधनों से दिया गया.  

पारदर्शी और तेज राहत प्रक्रिया

मुआवजा सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंचाया जा रहा है, जिससे बिचौलियों की कोई गुंजाइश नहीं. 30,806 घरों का सर्वे पूरा हुआ, और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए मुआवजा ₹6,500 से बढ़ाकर ₹40,000 किया गया. बाढ़ में प्रियजनों को खोने वाले परिवारों को ₹4 लाख और मवेशियों के नुकसान के लिए भी सहायता दी गई. यह सब एक पारदर्शी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से हुआ. 

 ‘चढ़दीकला’ मिशन: पंजाब का पुनर्निर्माण

‘जिसका खेत, उसकी रेत’ नीति के तहत बाढ़ प्रभावित जमीन को फिर से उपजाऊ बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है. अजनाला के 52 गांवों में ₹5 करोड़ से अधिक का मुआवजा वितरित किया गया. मिशन ‘चढ़दीकला’ के तहत सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को फिर से खड़ा करने का संकल्प लिया है. 

 किसानों के प्रति अटूट समर्पण

जब विपक्ष बाढ़ पर राजनीति कर रहा था, AAP सरकार ने राहत और पुनर्वास को प्राथमिकता दी. दिवाली से पहले मुआवजा देकर सरकार ने किसानों को भरोसा दिलाया कि पंजाब का किसान कभी अकेला नहीं होगा. यह पंजाबियत की भावना है, जो संकट में एकजुटता और समर्थन को दर्शाती है.