Performance Grading Index: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI) 2.0 में पंजाब ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सुधार और गुणवत्ता की मिसाल बन चुका है. चंडीगढ़ के बाद पंजाब ने दोनों शैक्षणिक वर्षों -2022-23 और 2023-24-में देश में दूसरा स्थान हासिल कर अपना दबदबा कायम रखा है.
खास बात यह रही कि सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले 'लर्निंग आउटकम' डोमेन में पंजाब ने पूरे देश को पछाड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया है. यह उपलब्धि पंजाब की शिक्षा व्यवस्था में हुई ठोस और दूरदर्शी सुधारों का परिणाम है, जिसकी प्रशंसा हर तरफ हो रही है.
113.4 अंकों के साथ पंजाब ने 'लर्निंग आउटकम' डोमेन में पहला स्थान पाया, जो शिक्षा की गुणवत्ता का सबसे बड़ा संकेतक माना जाता है. यह दर्शाता है कि राज्य न केवल पढ़ाई करवा रहा है, बल्कि बच्चों को सच्चे अर्थों में सिखा भी रहा है.
2022-23 में पंजाब का स्कोर 614.1 था, जो 2023-24 में बढ़कर 631.2 हो गया. यह दिखाता है कि राज्य सिर्फ स्थिर नहीं है, बल्कि लगातार तरक्की की ओर बढ़ रहा है. वहीं, दिल्ली 623.7 स्कोर के साथ पीछे रह गया.
70 संकेतकों और 6 डोमेनों पर आधारित इस मूल्यांकन में पंजाब ने न केवल लर्निंग में, बल्कि इंफ्रास्ट्रक्चर, गवर्नेंस और शिक्षक प्रशिक्षण जैसे क्षेत्रों में भी बेहतरी दिखाई है.
राज्य में शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार और तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की जोड़ी ने शिक्षा को प्राथमिकता दी. सुधारों को पूरी ताकत से लागू किया गया, जिसका असर अब साफ दिख रहा है.
2017-18 में 22वें स्थान से शुरू कर, पंजाब ने 2019-20 में टॉप किया और अब लगातार टॉप 2 में बना हुआ है. यह दिखाता है कि सही नेतृत्व और नीति से किसी भी राज्य को शिक्षा का सिरमौर बनाया जा सकता है.
PGI 2.0 की रिपोर्ट पंजाब के लिए सिर्फ आंकड़ों की जीत नहीं, बल्कि एक विचारधारा की जीत है. यह उस मेहनत का फल है जिसमें सरकार, शिक्षक, प्रशासन और समाज सभी ने मिलकर योगदान दिया है.