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केजरीवाल नहीं तो कौन जाएगा पंजाब से राज्यसभा? सीट को लेकर सस्पेंस बरकरार, ये तीन है प्रबल दावेदार

सबकी नजरें राज्यसभा की उस सीट पर टिकी हैं, जो संजीव अरोड़ा के इस्तीफे के बाद खाली होने वाली है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस सीट पर AAP किसे भेजेगी? अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट कर दिया है कि वह खुद राज्यसभा नहीं जाएंगे.

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Edited By: Garima Singh
Ludhiana west bypoll results 2025
Courtesy: x

Ludhiana west bypoll results 2025: लुधियाना वेस्ट विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव ने आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए नई उम्मीदें जगाई हैं. इस सीट पर आप के राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा ने धमकदार जीत हासिल की है. इस जीत के साथ ही पंजाब की सियासत में AAP की स्थिति और मजबूत हो गई है, लेकिन अब सबकी नजरें राज्यसभा की उस सीट पर टिकी हैं, जो संजीव अरोड़ा के इस्तीफे के बाद खाली होने वाली है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस सीट पर AAP किसे भेजेगी? अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट कर दिया है कि वह खुद राज्यसभा नहीं जाएंगे. ऐसे में मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन या पंजाब का कोई स्थानीय चेहरा, कौन होगा AAP का अगला राज्यसभा उम्मीदवार?

लुधियाना वेस्ट उपचुनाव के नतीजों के बाद अरविंद केजरीवाल ने मीडिया के सामने कहा, "मैं राज्यसभा नहीं जा रहा हूं. किसे भेजा जाए? यह पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी तय करेगी." इस बयान ने उन अटकलों पर विराम लगा दिया, जो उनके उच्च सदन में जाने को लेकर चल रही थीं. केजरीवाल की सक्रियता और पंजाब में पार्टी की रणनीति को देखते हुए कई लोग मान रहे थे कि वह खुद राज्यसभा का रुख कर सकते हैं. हालांकि, अब पार्टी के सामने नए चेहरों को मौका देने की चुनौती है.

राज्यसभा की रेस में तीन दावेदार

1. मनीष सिसोदिया: सबसे मजबूत दावेदार

AAP में अरविंद केजरीवाल के बाद नंबर दो की हैसियत रखने वाले मनीष सिसोदिया का नाम राज्यसभा की रेस में सबसे आगे है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद सिसोदिया की सियासी जमीन मजबूत करने के लिए यह एक बड़ा मौका हो सकता है. वह पंजाब के प्रभारी भी हैं, और AAP का इतिहास रहा है कि प्रभारी को राज्यसभा भेजा जाता है, जैसा कि राघव चड्ढा के मामले में हुआ था.

2. सत्येंद्र जैन: केजरीवाल के करीबी

साल 2015 से 2023 तक दिल्ली सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन भी इस रेस में शामिल हैं. वह केजरीवाल के विश्वस्त सहयोगी माने जाते हैं. हालांकि, दिल्ली चुनाव में शकूर बस्ती सीट पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन उनकी मुखर छवि और अनुभव उन्हें राज्यसभा के लिए मजबूत दावेदार बनाते हैं.

3. पंजाब का स्थानीय चेहरा

पार्टी के सामने तीसरा विकल्प पंजाब से ही किसी स्थानीय नेता को राज्यसभा भेजने का है. स्थानीय नेताओं का मानना है कि दिल्ली के किसी नेता को यह सीट देने से पंजाब में पार्टी की छवि को नुकसान हो सकता है. विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और पंजाबी अस्मिता की सियासत को देखते हुए AAP किसी लोकल चेहरे पर दांव लगा सकती है.