12 जून 2025 को एयर इंडिया की उड़ान AI 171 के दुखद हादसे में 260 लोगों की जान गई थी. टाटा समूह की इस एयरलाइन ने अब तक 229 मृत यात्रियों में से 147 के परिवारों और हादसे स्थल पर मारे गए 19 लोगों के परिजनों को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा जारी किया है. बोइंग 787-8 विमान में सवार 230 यात्रियों में से केवल एक जीवित बचा, जबकि 12 चालक दल के सदस्यों और जमीन पर 19 लोगों की मौत हो गई. यह चार दशकों में भारतीय एयरलाइन से जुड़ा सबसे भयावह हादसा था.
मुआवजे की प्रक्रिया और कानूनी पहलू
एयर इंडिया ने शनिवार को बयान जारी कर कहा, “एयर इंडिया ने अब तक 147 मृत यात्रियों और हादसे स्थल पर जान गंवाने वाले 19 लोगों के परिवारों को अंतरिम मुआवजा जारी किया है. इसके अतिरिक्त, 52 अन्य लोगों के दस्तावेज सत्यापित किए गए हैं, जिनके परिवारों को मुआवजा धीरे-धीरे जारी किया जाएगा.” यह अंतरिम भुगतान अंतिम मुआवजे में समायोजित होगा. मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत, अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में प्रति यात्री लगभग 1.50 करोड़ रुपये तक की देनदारी तय है, और लापरवाही सिद्ध होने पर यह राशि बढ़ सकती है. ब्रिटेन, कनाडा और पुर्तगाल के नागरिकों के मृतकों के परिवार विदेशी अदालतों में दावे दर्ज कर सकते हैं.
बीमा और पुनर्निर्माण का वादा
बीमा उद्योग के अनुसार, इस हादसे से लगभग 4,000 करोड़ रुपये के दावे होने की संभावना है. विमान का ढांचा और इंजन क्रमशः 80 मिलियन और 45 मिलियन डॉलर के नुकसान का अनुमान है. टाटा संस ने प्रत्येक मृतक के लिए 1 करोड़ रुपये के अतिरिक्त मुआवजे की घोषणा की है, जो 500 करोड़ रुपये के AI-171 मेमोरियल एंड वेलफेयर ट्रस्ट के माध्यम से दी जाएगी.
एयर इंडिया ने कहा, “यह ट्रस्ट प्रथम प्रतिक्रिया देने वालों, चिकित्सा और राहत पेशेवरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और सरकारी कर्मचारियों को सहायता प्रदान करेगा.” ट्रस्ट बीजे मेडिकल कॉलेज के क्षतिग्रस्त छात्रावास के पुनर्निर्माण में भी मदद करेगा.
परिवारों का समर्थन
एयर इंडिया ने तत्काल वित्तीय जरूरतों के लिए मुआवजा प्रक्रिया तेज की है. हादसे ने विमानन बीमा बाजार पर भी असर डाला है, और यह हादसा सबसे बड़े बीमा दावों में से एक बन सकता है.